आजादी के बीते सात दशक और इसके सतरंगी सफर पर आप भी डालिये एक नजर
सोने की चिड़िया कहलाने वाले भारत का करीब तीन सौ साल तक दोहन करने के बाद जब अंग्रेज यहां से गए तो आर्थिक, सामाजिक दुश्वारियां छोड़ गए। हमने वहीं से नई शुरुआत की। देश को दिलोजान से सींचा और संवारा।
नई दिल्ली जागरण स्पेशल। सोने की चिड़िया कहलाने वाले भारत का करीब तीन सौ साल तक दोहन करने के बाद जब अंग्रेज यहां से गए तो आर्थिक, सामाजिक दुश्वारियां छोड़ गए। हमने वहीं से नई शळ्रुआत की। देश को दिलोजान से सींचा और संवारा। आज फिर हम शीर्ष शक्तियों में शुमार हैं। यह सफलता धीमे लेकिन मजबूत कदमों के बूते मिली। कामयाबियों की अनंत कहानी है। ऐसे में 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सात दशकों के ऐतिहासिक क्षणों को याद करके गर्व की अनुभूति होना लाजिमी है।
1948 हॉकी में ओलंपिक गोल्ड
आजादी के अगले वर्ष देश की पुरुष हॉकी टीम ने लंदन ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता। यह आजाद देश का पहला गोल्ड मेडल था।
1950 लागू हुआ संविधान
लागू संविधान ने देश को समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाया।
1952 पहले चुनाव
गणराज्य बनने के बाद लोगों के सामने अपनी सरकार चुनने का अवसर था। 1952 में पहले लोकसभा चुनाव हुए। देश के तकरीबन 17 करोड़ लोगों ने इसमें मतदान किया। जवाहर लाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री चुने गए। अब तक 14 बार केंद्र में सरकारें बदल चुकी हैं।
1954 भाभा परमाणु रिसर्च सेंटर की स्थापना
मुंबई के उपनगर ट्रॉम्बे में परमाणु ऊर्जा संस्थान की स्थापना की गई। 1967 में इसे भाभा परमाणु रिसर्च सेंटर नाम दिया गया। मौजूदा समय में यहां आठ परमाणु संयत्र काम कर रहे हैं।
1956 अप्सरा परमाणु संयत्र
भाभा परमाणु रिसर्च सेंटर में देश के ही नहीं बल्कि पूरे एशिया के पहले परमाणु संयंत्र ने काम शुरू किया। इसे भारतीय वैज्ञानिकों ने 15 माह के समय में बनाया था। यहां से भारत के परमाणु युग की शुरुआत हुई।
1966 रीता बनीं मिस वर्ल्ड
मुंबई की रहने वाली रीता फारिया विश्व सुंदरी का खिताब अपने नाम करने वाली देश की पहली महिला बनीं। इसके बाद 1994 में सुष्मिता सेन ब्रह्मांड सुंदरी और ऐश्वर्या राय ने विश्व सुंदरी का खिताब जीता।
1970 श्वेत क्रांति
इस क्रांति को दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम कहा जाता है। इसने दूध की कमी से जूझ रहे हमारे देश को सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले देश में बदल दिया। अमूल के संस्थापक वर्गीज कुरियन इसके जनक माने जाते हैं। 1974 पहला परमाणु परीक्षण देश का पहला सफल परमाणु परीक्षण 18 मई, 1974 को राजस्थान के पोखरण में हुआ। इसे बुद्ध मुस्कुराए नाम दिया गया।
1975 आर्यभट्ट का प्रक्षेपण
इसरो ने पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट को अंतरिक्ष में छोड़ा। यह पूरी तरह स्वदेशी था। इसकी लांचिंग रूस के वोल्गोग्राड लांच स्टेशन से की गई। खगोलविद्ध आर्यभट्ट के नाम पर इसका नाम रखा गया था। लागत तकरीबन तीन करोड़ रुपये थी। इसके सफल प्रक्षेपण ने भारत को दुनिया के उन देशों के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया जिनके पास अपना उपग्रह था।
2005 सूचना का अधिकार
देश के नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया गया। यह नागरिकों को सरकार से सवाल पूछने का अधिकार देता है और सुनिश्चित करता है कि सरकार उन सवालों के जवाब दे।
2014 पोलियो से मुक्ति
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया। 1995 से लगातार अभियान के बाद यह मुकाम मिला। पहले सालाना पचास हजार से अधिक बच्चे पोलियो से ग्रस्त हो जाते थे।
2017 में 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण
फरवरी में इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने का रिकॉर्ड बनाया। रूसी एजेंसी का एक बार में 37 उपग्रह भेजने का रिकॉर्ड इसरो ने ध्वस्त किया।
2008 चंद्रयान
अक्टूबर में इसरो ने चंद्रमा पर मानवरहित यान भेजा। इसी से नासा को चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी का पता चला।
2013 मंगलयान
पहले ही प्रयास में मंगल पर कदम रखने वाला चौथा देश बना। महज 450 करोड़ की लागत अमेरिका, रूस और यूरोप के मंगल अभियानों से कई गुना कम रही। भारत की इस उपलब्धि को दुनिया की सलामी मिली।
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