कश्मीर में बड़ा सियासी एलान कर सकते हैं अलगावववादी नेता मीरवाइज व गिलानी
मीरवाइज ने भारत व पाक के प्रधानमंत्रियों से अपील की कि वह कश्मीर समस्या को बातचीत के जरिए हल करने शंघाई सहयोग संगठन के बिश्केक में हो रहे सम्मेलन का लाभ उठाएं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। इसे कश्मीर में अलकायदा व आइएसआइएस के झंडे बार-बार लहराने का असर कहें या दबाव हुर्रियत नेताओं को अपनी रणनीति में बदलाव पर विवश होना पड़ रहा है। कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी व उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के बीच गुरुवार की बैठक ने सियासी अटकलों के दौर को और तेज कर दिया है।
मीरवाइज और गिलानी के बीच 45 मिनट तक बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच बैठक में क्या तय हुआ है इसकी जानकारी न मीरवाइज ने दी, न गिलानी ने।
दोनों गुट कश्मीर में आइएसआइएस व अल कायदा के प्रभाव के खिलाफ कोई साझा मंच तैयार करने से लेकर कश्मीर पर केंद्र से बातचीत के लिए कवायद की शुरुआत कर सकते हैं। हुर्रियत के एकीकरण की दिशा में दोनों गुट आगे बढ़ सकते हैं।
वरिष्ठ अलगाववादियों नेताओं के करीबी एकनेता ने कहा कि आपको चंद दिनों में कश्मीर के हवाले से बड़ा एलान सुनने को मिलेगा। कश्मीरियों को उनका हक मिले, यही हुíरयत का मकसद है।
इस बीच, मीरवाइज ने भारत व पाक के प्रधानमंत्रियों से अपील की कि वह कश्मीर समस्या को बातचीत के जरिए हल करने शंघाई सहयोग संगठन के बिश्केक (किर्गिस्तान) में हो रहे सम्मेलन का लाभ उठाएं।
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