संवेदनशील मामलों की सुनवाई का लाइव प्रसारण न हो- केके वेणुगोपाल
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि संवेदनशील मामलों की सुनवाई को लाइव प्रसारण से दूर रखा जाना चाहिए।
नई दिल्ली (आइएएनएस)। भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल ने सलाह दी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा, संवेदनशील मामलों की सूचनाओं, भावनाएं भड़कने वाले विषयों, समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने वाले मामलों की सुनवाई को लाइव प्रसारण से दूर रखा जाए। जिन आठ मामलों की सुनवाई लाइव प्रसारण से दूर रखने की सिफारिश की गई है उनमें वैवाहिक, यौन उत्पीड़न व दुष्कर्म और नाबालिगों के अपराधों के मामले भी शामिल हैं।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के मुकदमों की सुनवाई के लाइव प्रसारण के फैसले के सिलसिले में की है। अटॉर्नी जनरल ने अपनी सिफारिशों को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ को सौंप दिया है। पीठ ने उनकी सिफारिशों पर गौर करने की बात कही है।
मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने सुझाव दिया है कि मामलों की सुनवाई की ऑडियो रिकॉर्डिंग करवाई जाए और उसे सुरक्षित रखा जाए जिससे जरूरत के वक्त उसे सुना जा सके। आने वाली पीढ़ियां भी उसे सुनकर जानकारी हासिल कर सकें। जयसिंह ने सुझाव दिया कि लोकसभा और राज्यसभा टीवी चैनलों की तरह ही सुप्रीम कोर्ट का चैनल काम करे। अटॉर्नी जनरल का कहना था कि इस चैनल में आने वाले फुटेज का अन्यत्र इस्तेमाल प्रतिबंधित होने की व्यवस्था भी बनाई जाए।