कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने कहा- जनसंख्या नियंत्रण का संजय गांधी का तरीका था गलत
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने जनसंख्या नियंत्रण की पैरवी की। कहा-विकास के लिए जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण। जी-23 पर कहा- यह समूह कांग्रेस को अस्थिर करने के लिए नहीं बना।संजय गांधी की जनसंख्या नियंत्रण की कोशिश का तरीका गलत।
इंदौर, जेएनएन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि पार्टी के नेता संजय गांधी ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोशिश की थी, लेकिन उनका तरीका गलत था। वह समय भी सही नहीं था। इसका खामियाजा तब कांग्रेस को भुगतना पड़ा था। तन्खा शनिवार को यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण की पैरवी की है। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रभक्त हूं, इसलिए मानता हूं कि जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है। आबादी पर काबू नहीं किया गया तो देश गरीब ही रहेगा। हालांकि, कानून की जगह शिक्षा और जागरूकता होगी तो लोग खुद जनसंख्या नियंत्रित करेंगे। सबसे साक्षर राज्य केरल इसका सुबूत है।
इस दौरान उनसे जब कांग्रेस के बागी जी-23 समूह को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि समूह और इसके नेताओं का लक्ष्य किसी भी स्थिति में कांग्रेस को अस्थिर करना नहीं है। गौरतलब है कि कांग्रेस के 23 नेताओं के एक समूह को जी-23 समूह कहा जाता है। तन्खा इसी समूह में गिने जाते हैं। उन्होंने कहा कि महीनेभर पहले कांग्रेस के लीगल सेल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को भी संगठन से नाराजगी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। तन्खा बोले, असल में तो मैंने एक साल पहले ही इस्तीफा देने का मन बना लिया था। कांग्रेस नेतृत्व की क्षमता और संगठन की हालत पर तन्खा ने कहा कि यह समय की बात है। अभी कांग्रेस की लहर नीचे है तो तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। लहर कभी ऊपर भी आएगी।
जनसंख्या नियंत्रण पर बहस चुनावों से पहले ध्रुवीकरण का प्रयास है: रमेश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के प्रस्तावित कदमों को लेकर शनिवार को दावा किया कि यह समाज का ध्रुवीकरण करने और विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक एजेंडे को जिंदा रखने का भाजपा का प्रयास है। रमेश ने यह आरोप लगाया कि हर चुनाव से पहले गैर जरूरी मुद्दों को आगे करके अपनी विफलताओं को छिपाने में भाजपा अव्वल है।पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘यह कुछ नहीं, बल्कि समाज का ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक एजेंडे को जीवित रखने का भाजपा का प्रयास है।’’