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समाज के लिए अभिशाप है जाति, इसे खत्म करने का प्रयास होना चाहिए: उपराष्ट्रपति

चिन्मय मिशन को वेदों का संदेश पूरी दुनिया को देने तथा शांत और सौहार्द के लिए इस संगठन के योगदान के सम्मान में यह अवार्ड दिया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 08:23 PM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 12:16 AM (IST)
समाज के लिए अभिशाप है जाति, इसे खत्म करने का प्रयास होना चाहिए: उपराष्ट्रपति
समाज के लिए अभिशाप है जाति, इसे खत्म करने का प्रयास होना चाहिए: उपराष्ट्रपति

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजनीति में जातिवाद को खतरनाक करार देते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि राजनीति में चयन और निर्वाचन जाति या संप्रदाय के आधार पर नहीं बल्कि क्षमता और योग्यता के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज के लिए जाति एक अभिशाप है और इसे शीघ्र मिटाने का प्रयास करना चाहिए।

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चिन्मय मिशन को प्रदान किया तृतीय 'जस्टिस नगेन्द्र सिंह इंटरनेशनल पीस अवार्ड'

नायडू ने यह बात शनिवार को चिन्मय मिशन को तृतीय 'जस्टिस नगेन्द्र सिंह इंटरनेशनल पीस अवार्ड' प्रदान करने के बाद कही। यह प्रतिष्ठित सम्मान इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से दिया जाता है। इस अवसर पर आइजीएसआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य सभा के पूर्व महासचिव योगेन्द्र नारायण भी मौजूद रहे। चिन्मय मिशन की ओर से स्वामी प्रकाशानंद ने यह सम्मान प्राप्त किया।

नायडू ने कहा कि जाति और राजनीति साथ-साथ चलते हैं तो यह और भी खतरनाक हो जाता है। राजनीति में लोगों का चयन चार सी-करेक्टर, कैलिबर, कैपिसिटी और कंडक्ट (चरित्र, साम‌र्थ्य, क्षमता और आचार) के आधार पर होना चाहिए न कि अन्य चार सी- कास्ट, कम्युनिटी, कैश और क्रिमिनलिटी (जाति, संप्रदाय, नकदी और अपराध) के आधार पर।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जाति, धर्म, लिंग और समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल में किसी व्यक्ति ने जातिगत टिप्पणी की है जिससे उन्हें बहुत दुख हुआ है।

इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया देती यह है सम्मान

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में नारायण ने कहा कि भारत की संस्कृति का मुख्य विचार वसुधैव कुटुंबकम रहा है। हमें अपने विचारों और कर्मो में इस विचार को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने जस्टिस नागेन्द्र सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय, हेग में सेवाओं के जरिए देश का मान बढ़ाया। उन्होंने ही इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्थापना की।

चिन्मय मिशन को वेदों का संदेश पूरी दुनिया को देने तथा शांत और सौहार्द के लिए इस संगठन के योगदान के सम्मान में यह अवार्ड दिया गया है।


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