सऊदी अरब से डरकर इस्लामिक सम्मेलन में नहीं गए इमरान खान, तुर्की के राष्ट्रपति का बड़ा दावा
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन ने खुलासा किया है कि सऊदी अरब सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी दी थी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान कुआलालंपुर इस्लामिक शिखर सम्मेलन में नहीं आया क्योंकि उसे सऊदी अरब की ओर से आने से धमकी दी गई थी। एर्दोगन ने दावा किया कि सऊदी अरब सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी दी थी, इस डर की वजह से वह कुआलालंपुर इस्लामिक शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ।
बता दें, इस सप्ताह के शुरू में मलेशिया द्वारा आयोजित इस्लामिक शिखर सम्मेलन में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मिस्र जैसे देशों को शामिल नहीं किया गया था।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, जो मलेशिया में इस्लामिक शिखर सम्मेलन में जाने वाले थे, उन्होंने अंतिम समय में अपनी यात्रा रद कर दी, जिसके बाद मलेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद ने आश्वासन देकर सऊदी अरब को शांत करने की कोशिश की कि शिखर सम्मेलन सभी इस्लामिक राष्ट्रों के लिए खुला है।
सऊदी अरब, मलेशिया और पाकिस्तान द्वारा समर्थित तुर्की को इस्लामी दुनिया में अपने नेतृत्व के लिए एक चुनौती के रूप में देखता है, क्योंकि पिछले दशक में तीन देशों ने अपने गठबंधन को मजबूत किया है।
डेली सबा डिप्लोमेसी ने शुक्रवार को एर्दोगन के हवाले से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान पर दबाव डाला। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक से ऋण वापस लेने और सऊदी में काम करने वाले 40 लाख पाकिस्तानियों को बांग्लादेशी श्रमिकों से बदलने की धमकी दी थी।
सऊदी अरब का पाकिस्तान पर दबाव
पाकिस्तान एक बड़े भुगतान भुगतान संकट का सामना कर रहा है जिसके लिए उसने वैश्विक वित्तीय संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अलावा सऊदी अरब से बड़े पैमाने पर ऋण मांगा है। सऊदी अरब पर निशाना साधते हुए, तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि सऊदी अरब ने अपनी आर्थिक कठिनाइयों के कारण पाकिस्तान के खिलाफ इसी तरह की धमकी देने वाली रणनीति का इस्तेमाल किया है।