हज यात्रियों के लिए खुशखबरी, समुद्री मार्ग की योजना को सऊदी अरब की मंजूरी
नकवी ने बताया कि सऊदी अरब की रजामंदी मिलने के बाद अब दोनों देश समुद्री यात्रा के तकनीकी पहलुओं पर विचार करेंगे, जिससे आने वाले सालों में इसे शुरू किया जा सकेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत के हज यात्रियों को समुद्री मार्ग से भेजने की योजना को सऊदी अरब ने मंजूरी दे दी है। रविवार को मक्का में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सऊदी अरब के हज व उमराह मंत्री मोहम्मद सालेह बिन ताहेर बेंटेन के साथ करार किया है। सऊदी अरब की रजामंदी मिलने से 23 साल बाद फिर से समुद्री मार्ग खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। 1995 में इसे बंद किया गया था, उसके बाद से हवाई मार्ग के जरिये लोग हजयात्रा पर जा रहे हैं।
नकवी ने बताया कि सऊदी अरब की रजामंदी मिलने के बाद अब दोनों देश समुद्री यात्रा के तकनीकी पहलुओं पर विचार करेंगे, जिससे आने वाले सालों में इसे शुरू किया जा सकेगा। नकवी का कहना है कि पहले समुद्र के रास्ते हज यात्रा में 12 से 15 दिनों का समय लगता था, लेकिन अब तीन से चार दिन में जहाज से यात्रा समाप्त कर सकते हैं। एक तरफ का रास्ता 23 सौ नाटिकल मील का है। 1995 में मुंबई के यलो गेट से सऊदी अरब के जेद्दाह तक जल मार्ग पर यात्रा होती थी।
नकवी ने सरकार के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें महिलाओं को महरम के बगैर यात्रा पर जाने की अनुमति दी गई थी। सरकार ने घोषणा की थी कि 45 साल से ज्यादा की उम्र की महिलाएं कम से कम चार के ग्रुप में महरम के बगैर हजयात्रा पर जा सकती हैं। उनका कहना है कि वह मानते हैं कि जब पुरुष अकेले यात्रा पर जा सकता है तो महिला क्यों नहीं। अभी तक महिला को हजयात्रा पर पति या फिर महरम (निकट संबंधी) के साथ जाने की अनुमति थी, लेकिन भाजपा सरकार ने नियम को तब्दील कर दिया था।
नकवी का कहना है कि महिला को केवल पुरुष के साथ ही हजयात्रा पर जाने की बाध्यता नाइंसाफी है। उनकी सरकार ने इसे खत्म कर दिया है। इसके बाद लगभग 13 सौ महिलाओं ने अकेले यात्रा पर जाने के लिए आवेदन किया है। भारत की हज समिति को अभी तक तीन लाख 59 हजार 2018 के लिए आवेदन मिले हैं। भारत का हज कोटा एक लाख 70 हजार लोगों का है।
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