भारत सरकार की पहल पर सऊदी ने हज कोटे को बढ़ाने की दी मंजूरी, पांच सालों में तीसरी बार बढ़ोतरी
पिछले पांच सालों में भारत के हज कोटे में यह तीसरी बढ़ोतरी है।इस फैसले के बाद अब इस्लामी देश पाकिस्तान के मुकाबले भी ज्यादा हज यात्री भारत से जा सकेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुस्लिमों की सबसे पवित्र और अहम मानी जाने वाली धार्मिक हज यात्रा पर भारत से अब दो लाख मुसलमान जा सकेंगे। इनमें बिना 'मेहरम' (पुरुष रिश्तेदार) के 2340 मुस्लिम महिलाएं भी शामिल होंगी। सऊदी अरब ने भारत सरकार की पहल पर भारत के हज कोटे को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को इसकी अधिकृत घोषणा भी कर दी है। पिछले पांच सालों में भारत के हज कोटे में यह तीसरी बढ़ोतरी है। इस फैसले के बाद अब इस्लामी देश पाकिस्तान के मुकाबले भी ज्यादा हज यात्री भारत से जा सकेंगे।
सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो सऊदी अरब ने भारत के हज कोटे को बढ़ाने की मंजूरी से भारत को अवगत करा दिया है। हज कोटा अब 1.75 लाख से बढ़कर 2 लाख हो गया है। हज कोटा बढ़ाने का यह मुद्दा हाल ही में भारत की यात्रा पर आए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाया था। हालांकि उन्होंने तत्काल वहीं आश्वासन दे दिया था कि भारत का कोटा दो लाख होगा। अब औपचारिक रूप से इस पर मुहर भी लग गई है।
नई सरकार बनने के बाद हज कोटे में पहली बड़ी बढ़ोतरी 2017 में की गई थी, तब इस कोटे को बढ़ाकर 1.70 लाख किया गया था। बाद में 2018 में इसमें फिर बढ़ोतरी हुई थी, इसके चलते यह कोटा 1.75 लाख हो गया था। बावजूद इसके हज पर जाने वालों की भारी मांग के चलते कोटा कम पड़ने लगा था।
यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार और आंध्र को सबसे ज्यादा फायदा
हज कोटे में इस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को मिलेगा। जहां हज पर जाने वालों की एक लंबी प्रतीक्षा सूची है। सूत्रों के मुताबिक 2019 में हज यात्रा पर जाने के लिए सबसे अधिक करीब 34 हजार आवेदन उत्तर प्रदेश से मिले है। जबकि पश्चिम बंगाल से करीब 8500, बिहार से करीब पांच हजार, असम से 35 सौ आंध्र प्रदेश से करीब 22 सौ और ओडिशा से करीब सात सौ आवेदन प्राप्त हुए है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि अब प्रतीक्षा सूची पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
और सस्ती हुई हज यात्रा
हज प्रक्रिया को पारदर्शी और सौ फीसद ऑनलाइन और डिजिटल बनाकर भारत सरकार ने हज पर जाने के लिए हवाई किराए में खासी कमी की है। सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2018 में हज सब्सिडी हटाए जाने के बावजूद हज यात्रियों ने हवाई किराए में कुल 57 करोड़ रुपये की बचत की थी। इसी साल हज यात्रा पर जीएसटी भी 18 फीसद से घटाकर पांच फीसद की जा चुका है। लिहाजा, 2019 के हज में हज यात्री कुल 113 करोड़ रुपये की बचत कर सकेंगे। इतना ही नहीं मदीना में ठहरने की व्यवस्था 100 सऊदी रियाल में हो गई है, जो पिछली बार के मुकाबले भी कम है। इससे प्रत्येक हज यात्री को 3000 रुपये की बचत होगी।