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सत्यपाल मलिक हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल, 31 को होगा शपथ ग्रहण समारोह

केंद्र सरकार राज्यपाल सत्यपाल मलिक को ही दोनों नए केंद्र शासित राज्यों जम्मू कश्मीर और लद्दाख का लेफ्टिनेंट गर्वनर बनाए रखने की पक्ष में है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 02:15 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 02:15 AM (IST)
सत्यपाल मलिक हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल, 31 को होगा शपथ ग्रहण समारोह
सत्यपाल मलिक हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल, 31 को होगा शपथ ग्रहण समारोह

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन की प्रक्रिया जारी है और 31 अक्टूबर का दिन नजदीक आ रहा है। बावजूद इसके केंद्र शासित राज्य जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर (उप राज्यपाल) को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार राज्यपाल सत्यपाल मलिक को ही दोनों नए केंद्र शासित राज्यों जम्मू कश्मीर और लद्दाख का लेफ्टिनेंट गर्वनर बनाए रखने की पक्ष में है। हालांकि, मलिक ने इस पर अभी तक अपनी सहमति नहीं दी है। अगर सब सही रहता है तो वह 31 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पहले उप राज्यपाल के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे।

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31 अक्टूबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह

सूत्रों के अनुसार, दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल का शपथ ग्रहण समारोह अलग-अलग होगा। लद्दाख के लेफ्टिनेंट गर्वनर को 31 अक्टूबर की सुबह लेह में शपथ दिलाई जाएगी जबकि जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर को दोपहर में श्रीनगर में शपथ दिलायी जाएगी। अगर राज्यपाल मलिक दोनों केंद्र शासित राज्यों की कमान संभालने को सहमत होते हैं तो वह पहले लेह में शपथ ग्रहण करेंगे और उसके बाद श्रीनगर में।

हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश दिलाएंगी शपथ

उपराज्यपाल को भारतीय संविधान के प्रावधान के तहत ही जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ही शपथ दिलाएंगी। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्रियों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और हाई कोर्ट के जज भी मौजूद रहेंगे।

सलाहकारों पर भी नहीं हुआ अभी निर्णय

राज्यपाल के मौजूदा पांच सलाहकारों की सेवाओं को बहाल रखने या समाप्त करने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस संदर्भ में अंतिम फैसला सत्यपाल मलिक के साथ विचार-विमर्श के बाद ही होगा। अलबत्ता, लद्दाख में उप राज्यपाल का कोई सलाहकार नहीं होगा। जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल चाहेंगे तो वह मौजूदा सलाहकारों में से एक-दो की सेवाओं को ले सकते हैं।


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