गुजरात में दुनिया के सबसे ऊंचे सरदार.. जानिए- क्या है इसकी खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले स्थित केवडिया में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती के मौके पर देशवासियों को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की सौगात मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले स्थित केवडिया में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया।
सरदार पटेल की प्रतिमा के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने यहां उपस्थित लोगों को संबोधित भी किया। मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत "सरदार पटेल अमर रहे" के नारे के साथ की। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। देश की एकता और अखंडता के लिए युवा दौड़ रहे हैं। मैं उनके इस जज्बे को मैं नमन करता हूं।
मोदी ने कहा कि आज जो हुआ वो इतिहास में दर्ज हो गया है और इसे इतिहास से कोई मिटा नहीं पाएगा। आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार सहाब का अभिषेक हो रहा है तब भारत ने न सिर्फ अपने लिए नया इतिहास रचा है बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुंबी आधार भी तैयार किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा 'सरदार की प्रतिमा को समर्पित करने का अवसर सौभाग्य की बात है। जब मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर इसकी कल्पना की थी, तो अहसास नहीं था कि एक दिन प्रधानमंत्री के तौर पर मुझे ही यह पुण्य काम करने का मौका मिलेगा। सरदार साहब के इस आशीर्वाद के लिए मैं खुद को धन्य मानता हूं।'
बतादें कि 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा को बनाने में हजारों मजदूर व सैकड़ों इंजीनियर तो महीनों तक जुटे ही साथ ही अमेरिका, चाइना से लेकर भारत के शिल्पकारों ने भारी मेहनत की। सरदार का चेहरा कैसा हो और भावभंगिमा कैसी हो इसे तय करने में काफी समय लग गया।
- केवडिया में सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का उद्धघाटन।
- प्रधानमंत्री मोदी ने 'वैली ऑफ फ्लॉवर' का उद्धघाटन किया।
- पीएम मोदी ने 'टेंट सिटी' का अनावरण किया, कच्छ की तर्ज पर बने इस टेंट सिटी में 250 टेंट हाउस हैं।
- मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्धघाटन किया।
जानिए- कैसे बनीं, क्या है खूबी
- करीब 44 माह के रिकार्ड समय में निर्मित इस प्रतिमा पर करीब 2332 करोड़ रुपये की लागत आई।
- प्रतिमा के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 22,500 टन स्टील व 1,700 मीट्रिक टन तांबा लगा है।
- प्रतिमा भूकंप रोधी है जो 6.5 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकती है और 220 किमी प्रति घंटा की तेज हवा का सामना कर सकती है।
- चार धातुओं से बनी इस प्रतिमा को जंग छू भी नहीं सकेगा। निर्माण में 85 फीसद तांबा का उपयोग किया गया है।
- अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के निर्माण में पांच साल लगे थे। चीन में बुद्ध की प्रतिमा के निर्माण में करीब 90 साल लगे थे।
- प्रतिमा के पास ही 17 किमी लंबी वैली ऑफ फ्लावर तैयार की गई है। यहां दुनिया के विविध फूलों की किस्म के साथ नमो फूल भी देखे जा सकेंगे।
- 250 एकड़ में बने इस वैली ऑफ फ्लावर में 100 से ज्यादा तरह के पौधे लगाए गए हैं।
- पर्यटकों के लिए एक टेंट सिटी और सरदार पटेल को समर्पित एक म्यूजियम भी बनाया गया है।
- कच्छ की तर्ज पर बने इस टेंट सिटी में 250 टेंट हाउस हैं, तकरीबन 500 लोगों के रूकने की व्यवस्था है। यहां गुजराती और आदिवासी खाने से लेकर नृत्य का लुफ्त भी पर्यटक उठा सकेंगे।
- 55 मंजिला (करीब 600 फीट) प्रतिमा के हृदयस्थल 153 मीटर की ऊंचाई तक लोग लिफ्ट से पहुंचकर वहां से 138 मीटर ऊंचे सरदार सरोवर बांध को देख सकेंगे।
- युवाओं के लिए यहां सेल्फी पॉइंट बनाए गए हैं।
- सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट जल्द ही एक एप भी जारी करेगा, इसके माध्यम से भी टिकट बुक किया जा सकेगा।
टिकट के लिए तीन श्रेणियां
- दर्शक अगर पूरा नजारा देखना चाहते हैं जिसमें गैलरी, म्यूजियम और वैली ऑफ फ्लॉवर सम्मलित हैं तो उन्हें 380 रुपये अदा करने होंगे। तीन साल से वयस्क तक टिकट की दर 350 रुपये और बस से सफर के 30 रुपये देने होंगे।
- आप गैलरी नहीं देखना चाहते तो तीन से 15 साल के बच्चों के लिए 60 रुपये, जबकि 15 साल से ऊपर के लोगों के लिए 120 रुपये का टिकट लेना होगा। इसके लिए भी 30 रुपये बस के अलग देने होंगे।
- एक तीसरे प्रकार का टिकट 120 रुपये का है। इसमें प्रतिमा के पास तक जा सकते हैं, पर ऊपर नहीं जा पाएंगे।