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संजय राउत ने कहा- पाकिस्तानी और रोहिंग्या भारत आ सकते हैं, तो हम बेलगाम क्यों नहीं जा सकते

राउत ने आगे कहा कि बेलगाम में एक सांस्कृतिक और साहित्यिक आयोजन होना है। मैं लोगों से बात करने के लिए वहां जाऊंगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 03:14 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 08:00 AM (IST)
संजय राउत ने कहा- पाकिस्तानी और रोहिंग्या भारत आ सकते हैं, तो हम बेलगाम क्यों नहीं जा सकते
संजय राउत ने कहा- पाकिस्तानी और रोहिंग्या भारत आ सकते हैं, तो हम बेलगाम क्यों नहीं जा सकते

मुंबई, एएनआइ। शिवसेना नेता संजय राउत ने बेलगाम जाने से कथित तौर पर रोक लगाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार की आलोचना की है। उन्होंने पूछा कि यदि पाकिस्तानी और रोहिंग्या भारत आ सकते हैं, तो हम बेलगाम क्यों नहीं जा सकते? यह गलत है।

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बेलगाम को लेकर विवाद

शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि बेलगाम को लेकर कुछ विवाद है। इसका मतलब यह नहीं है कि एक-दूसरे पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। शिवसेना नेता ने शुक्रवार को कहा था कि उनके वहां जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

महाराष्ट्र के मंत्री को कर्नाटक के बेलगाम में बोलने से रोक दिया गया था

राउत ने आगे कहा कि बेलगाम में एक सांस्कृतिक और साहित्यिक आयोजन होना है। मैं लोगों से बात करने के लिए वहां जाऊंगा। यदि कोई प्रतिबंध लगाया गया है, तो रहने दीजिए। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को महाराष्ट्र के मंत्री राजेंद्र पाटिल येदरावकर को कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक कार्यक्रम में बोलने से रोक दिया गया था।

शिरडीवासियों को डर है महत्त्व कम हो जाने का

शिरडी वाले साईं बाबा के जन्मस्थान पाथरी के विकास हेतु 100 करोड़ रुपए दिए जाने से शिरडीवासियों को यह डर सताने लगा है कि कहीं पाथरी का महत्त्व बढ़ने से शिरडी का महत्त्व कम न होने लग जाए। इसी विरोध में रविवार से शिरडी कस्बे को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आह्वान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने की साईं बाबा के जन्मस्थान के विकास के लिए 100 करोड़ देने की घोषणा

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जनपद के पाथरी गांव को साईं बाबा का जन्मस्थान मानते हुए उसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। यह घोषणा शिरडीवासियों को रास नहीं आ रही है। उनका तर्क है कि साईं बाबा ने जब खुद कभी यह स्पष्ट ही नहीं किया कि उनका जन्मस्थान कहां है, तो पाथरी को आस्था के दूसरे केंद्र के रूप में विकसित करने की जरूरत ही क्या है?

साईं बाबा के जन्मस्थान का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं

शिरडी साईं ट्रस्ट के लोग एवं साईं बाबा में आस्था रखने वाले लोग साईं बाबा के जीवन पर लिखी गई एकमात्र पुस्तक साईं सच्चरित्र का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि इस पुस्तक में भी साईं जन्मस्थान का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता। तो उनके जन्मस्थान के रूप में नया केंद्र स्थापित करने की जरूरत क्यों पड़ रही है।

साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर विवाद

अहमदनगर के सांसद डॉ. सुजय विखे पाटिल ने भी साईं बाबा के जन्मस्थान का विवाद जानबूझकर खड़ा करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाते हुए कानूनी लड़ाई की धमकी दे दी है।

बता दें कि पिछले वर्ष ही शिरडी के साईं बाबा की समाधि के 100 वर्ष पूरे होने पर भव्य उत्सव मनाया गया था। जिसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी शामिल हुए थे। कभी अहमदनगर जिले में एक छोटा से गांव रहा शिरडी आज साईं मंदिर के कारण महाराष्ट्र का एक बड़ा तीर्थस्थल बन चुका है। जहां प्रतिदिन कम से कम 25000 लोग एवं विशेष अवसरों पर ढाई से तीन लाख लोग प्रतिदिन साईं बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं।

भक्तों की बड़ी संख्या के कारण शिरडी का स्वरूप बदल चुका 

मंदिर में तो लाखों का चढ़ावा चढ़ता ही है, भक्तों की बड़ी संख्या के कारण ही शिरडी का स्वरूप भी बदल चुका है। बड़े-बड़े होटल एवं दुकानें खुल गई हैं। रेलवे स्टेशन एवं विमानतल बन चुके हैं। प्रतिदिन आधा दर्जन से ज्यादा उड़ाने शिरडी से होती हैं। इससे क्षेत्रीय लोगों का आर्थिक विकास भी हुआ है। अब पाथरी को साईं बाबा के जन्मस्थान के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा से उन्हें लग रहा है कि इससे शिरडी का महत्त्व कम होगा। इसीलिए पूरा शिरडी कस्बा सरकार के इस फैसले को सहजता से स्वीकार नहीं कर पा रहा है।


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