'संचार साथी' को प्रियंका गांधी ने बताया जासूसी का ऐप, बीजेपी ने किया पलटवार
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स द्वारा 'संचार साथी' ऐप को प्री-इंस्टॉल करने के निर्देश पर विवाद हो गया है। विपक्ष इसे जासूसी ऐप बता रहा है, जबकि सरकार इसे साइबर सुरक्षा के लिए जरूरी बता रही है। प्रियंका गांधी ने इसे 'स्नूपिंग ऐप' कहा है। किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर संसद बाधित करने का आरोप लगाया है। भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने इस कदम का बचाव किया है।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा है कि यह एक स्नूपिंग एप है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स द्वारा मोबाइल हैंडसेट पर संचार साथी एप को प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश देने के बाद से ही देश की राजनीति में विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने इसे जासूसी करने वाला एप बताया है, वहीं सरकार इसे साइबर सिक्योरिटी के लिए जरूरी बताकर पेश कर रही है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा है कि यह एक स्नूपिंग एप है। फ्रॉड की रिपोर्ट करने और यह देखना कि भारत का हर नागरिक अपने फ़ोन पर क्या कर रहा है, दोनों के बीच एक बहुत पतली लाइन है। वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा है कि हर रोज नए-नए मुद्दे ढूंढकर संसद की कार्यवाही को बाधित नहीं करना चाहिए।
DoT ने दिया है निर्देश
दरअसल DoT ने मैन्युफैक्चरर्स और इंपोर्टर्स को यह निर्देश दिया है कि सभी नए मोबाइल फोन में संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल हो और उसे डिसेबल न किया जा सके। वहीं पुराने मोबाइल में इस एप को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इंस्टॉल करने को कहा गया है। इसके लिए कंपनियों को 90 दिन की डेडलाइन दी गई है। जानकारी सामने आते ही विपक्ष ने सरकार को निशाने पर ले लिया।
प्रियंका गांधी ने कहा, 'यह एक स्नूपिंग ऐप है। नागरिकों को प्राइवेसी का अधिकार है। हर किसी को परिवार, दोस्तों को मैसेज भेजने की प्राइवेसी का अधिकार होना चाहिए, बिना सरकार की नज़र के। वे इस देश को हर तरह से तानाशाही में बदल रहे हैं। पार्लियामेंट इसलिए काम नहीं कर रही है क्योंकि सरकार किसी भी चीज पर बात करने से मना कर रही है। विपक्ष पर इल्जाम लगाना बहुत आसान है। वे किसी भी चीज़ पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। एक हेल्दी डेमोक्रेसी चर्चा की मांग करती है। फ्रॉड की रिपोर्ट करने और यह देखना कि भारत का हर नागरिक अपने फोन पर क्या कर रहा है, के बीच एक बहुत पतली लाइन है। इस तरह से काम नहीं करना चाहिए।'
कांग्रेस ने की आलोचना
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी DoT के निर्देश की आलोचना की। वहीं विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'उन्हें मुद्दे ढूंढ-ढूंढकर लाने की जरूरत नहीं है। कामों की एक लिस्ट तैयार की गई है, और उसमें कई मुद्दे हैं। हम विपक्ष के उठाए गए मुद्दों पर भी बहस करेंगे और सोचेंगे कि हमें आगे कैसे बढ़ना है। उन्हें नए मुद्दे ढूंढने और संसद को परेशान करने की जरूरत नहीं है।'
रिजिजू ने कहा, 'सभी मुद्दे अपनी जगह पर महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अगर आप इन मुद्दों का इस्तेमाल संसद को रोकने के लिए हथियार के तौर पर करते हैं, तो यह सही नहीं है। हम विपक्ष के नेताओं से बात करेंगे। मैं पहले से ही उनके संपर्क में हूं। हम उनके मुद्दों को कम नहीं आंक रहे हैं, लेकिन देश में सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई मुद्दे हैं।'
वहीं देवरिया से भाजपा के सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने भी DoT के कदम का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'यह एक बहुत जरूरी कदम है। मैं IIT से हूँ, इसलिए मैं समझता हूँ कि किस तरह के साइबर अटैक हो रहे हैं। यह कम्युनिकेशन एप लोगों की सिक्योरिटी की भावना को बढ़ाएगा। हमारा डेटा बाहर नहीं जाएगा और नागरिकों की सुरक्षा का हर पहलू जो पक्का किया जाना चाहिए, उसे डिजिटली सुरक्षित किया जाएगा।'

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