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कश्‍मीर पर दिए सैफुद्दीन सोज के बयान पर बवाल, भाजपा-शिवसेना ने कांग्रेस को घेरा

सैफुद्दीन सोज के बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। इस मुद्दे पर एक ओर से भाजपा और दूसरी तरफ से शिवसेना ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 12:34 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 06:03 PM (IST)
कश्‍मीर पर दिए सैफुद्दीन सोज के बयान पर बवाल, भाजपा-शिवसेना ने कांग्रेस को घेरा
कश्‍मीर पर दिए सैफुद्दीन सोज के बयान पर बवाल, भाजपा-शिवसेना ने कांग्रेस को घेरा

नई दिल्‍ली, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। इस मुद्दे पर एक ओर से भाजपा और दूसरी तरफ से शिवसेना ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने सोज के बयान की आलोचना की है। उधर शिवसेना की नेता मनीषा कायांदे का कहना है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने एक इंटरव्‍यू के दौरान पाकिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि कश्मीरी पाकिस्तान के साथ जुड़ना नहीं चाहते, उनकी पहली इच्छा आजादी है। सोज ने कहा कि यह बयान तब भी सच था और अब भी है। मैं भी ऐसा कहता हूं, लेकिन जानता हूं कि ऐसा संभव नहीं है।

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भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने सोज के बयान की जमकर आलोचना की है। उन्होंने कहा, 'जब सोज केंद्र में मंत्री थे और जेकेएलएफ ने सोज की बेटी का अपहरण किया था, तब उन्हें केंद्र से मदद मिली थी। ऐसे लोगों की मदद करने का कोई फायदा नहीं। जो भी भारत में रहना चाहता है वह यहां के संविधान को मानते हुए यहां रह सकता है। अगर कोई परवेज मुशर्रफ को पसंद करता तो उनका एक तरफ का टिकट (पाकिस्तान जाने का) कटवा दिया जाए।'

उधर शिवसेना नेता मनीषा कायांदे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जवाब दें कि क्‍या वो सैफुद्दीन सोज के बयान का समर्थन करते हैं। यदि वह (सैफुद्दीन सोज) पाकिस्तान और मुशर्रफ के लिए इतना स्नेह रखते हैं, तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए और उनका नौकर बनने पर विचार करना चाहिए।

सैफुद्दीन सोज ने कहा कि अगर केंद्र कश्मीर मसले का हल चाहता है, वहां अमन चाहता है, तो उसे कश्मीरियों के प्रति एक ऐसा माहौल बनाना होगा जिससे वह सुरक्षित महसूस कर सकें। ऐसा माहौल जहां बातचीत को कश्‍मीरी तैयार हो पाएं। बात करने के लिए हुर्रियत ग्रुप से पहले बात होनी चाहिए और उसके बाद मेनस्ट्रीम पार्टियों से बात होनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घाटी में सेना बढ़ाने से सिर्फ कश्मीरी मारे जाएंगे लेकिन यहां शांति स्थापित नहीं हो पाएगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बयान का उनकी पार्टी कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है।


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