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सबरीमाला पर केरल सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, भाजपा-कांग्रेस का वॉकआउट

पिनाराई सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। हालांकि, भाजपा और कांग्रेस ने इस सर्वदलीय बैठक से वॉकआउट कर दिया।

By Vikas JangraEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 08:43 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 03:55 PM (IST)
सबरीमाला पर केरल सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, भाजपा-कांग्रेस का वॉकआउट
सबरीमाला पर केरल सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, भाजपा-कांग्रेस का वॉकआउट

तिरुवनंतपुरम, प्रेट्र। केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर मचे घमासान का सर्वदलीय बैठक में भी कोई हल नहीं निकल सका। इस मुद्दे पर गुरुवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही। बैठक में केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत दस से पचास वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने पर अडिग रही। उसने 22 जनवरी तक अदालती आदेश पर अमल स्थगित रखने की विपक्ष की मांग नहीं मानी। इससे क्षुब्ध भाजपा व कांग्रेस ने बैठक से बहिर्गमन कर दिया।

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दरअसल, तीन घंटे तक चली सर्वदलीय बैठक में पूरे समय सरकार और विपक्ष में खींचतान चलती रही। विपक्षी नेताओं का तर्क था कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ कई पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हैं। शीर्ष अदालत इन पर अगले साल 22 जनवरी को सुनवाई करेगी। इसलिए राज्य सरकार उक्त तिथि तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल रोक दे। लेकिन राज्य सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का स्पष्ट कहना था कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले पर रोक नहीं लगाई है। इसलिए राज्य सरकार शीर्ष कोर्ट का आदेश लागू कराने के लिए बाध्य है। इस पर अपनी मांग अनसुनी किए जाने से नाराज भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। ध्यान रहे सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा का मंदिर आगामी त्योहारी सत्र के वास्ते शनिवार 17 नवंबर से दो महीने के लिए खुल रहा है।

इस दौरान राज्य सरकार दस से पचास वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं को दर्शन-पूजन के लिए मंदिर में प्रवेश दिलाने की कोशिश करेगा। जबकि परंपरा के नाम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध करने वालों की पुरजोर कोशिश होगी कि किसी भी कीमत पर पचास वर्ष से नीचे की महिलाएं भगवान अयप्पा का दर्शन न करने पाएं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले सबरीमाला मंदिर में दस से पचास वर्ष की उम्र के बीच का महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। लेकिन शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद हालात बदल गए हैं। पिछले दिनों करीब 15 महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों के उग्र विरोध के चलते उन्हें मंदिर के दरवाजे से लौटना पड़ा।

लेखक को मिली धमकी
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की जोरदार पैरवी कर रहे मशहूर मलयाली लेखक सुनील पी इलैडोम को गंभीर खामियाजा भुगतने की धमकी मिली है। अज्ञात हमलावरों ने गुरुवार को उनके दफ्तर को निशाना बनाते हुए उनका नेमप्लेट तोड़ दिया। कलादि संस्कृत विश्वविद्यालय स्थित उनके कार्यालय की खिड़की पर भगवा रंग में खतरे का निशान बना दिया। इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है। राज्य सरकार ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।


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