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दिग्विजय सिंह के भाई ने फिर घेरा कमलनाथ सरकार को, इस बार मामला PSC में पूछे गए सवाल पर

भाजपा ने जहां PSC सवाल को आदिवासी समाज का अपमान बताया है वहीं कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने इसको लेकर अपनी ही सरकार को घेरा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 10:30 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 10:48 PM (IST)
दिग्विजय सिंह के भाई ने फिर घेरा कमलनाथ सरकार को, इस बार मामला PSC में पूछे गए सवाल पर
दिग्विजय सिंह के भाई ने फिर घेरा कमलनाथ सरकार को, इस बार मामला PSC में पूछे गए सवाल पर

भोपाल, नईदुनिया। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) की रविवार को हुई प्रारंभिक परीक्षा में भील समाज को आपराधिक प्रवृत्ति का बताए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने जहां इसे आदिवासी समाज का अपमान बताया है, वहीं कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने इसको लेकर अपनी ही सरकार को घेरा है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री से विधानसभा में खेद व्यक्त करने की मांग ट्विटर के माध्यम से की है। सरकार ने भी मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। 

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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर राजनीति बंद करने की सलाह देने के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति को सही करार देने वाले विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि परीक्षा में समाज को लेकर ऐसी अशोभनीय टिप्पणी करने वाले अधिकारी को सजा तो मिलनी ही चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी विधानसभा में खेद व्यक्त करना चाहिए। इसके बाद शाम को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि आदिवासी समुदाय, भील जनजाति का बेहद सम्मान है। दोषियों को दंड मिलना चाहिए।

एक अन्य विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री से पीएससी के अध्यक्ष भास्कर चौबे तथा सचिव रेणु पंत को बर्खास्त कर एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज करने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर इसे आदिवासी समाज का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि यह अंश जिस पुस्तक से लिए गए हैं, उस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। साथ ही उस पुस्तक के लेखक पर भी कार्रवाई की जाना चाहिए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि जिस भील समाज में टंट्या भील जैसे राष्ट्रभक्त पैदा हुए, उस मेहनतकश भील समाज को शराबी और अपराधी बताना मध्य प्रदेश सरकार के लिए शर्म की बात है।

पीएससी ने मानी भूल, पेपर सेटर और मॉडरेटर को नोटिस

पीएससी अध्यक्ष भास्कर चौबे ने सवाल को पीएससी की भूल माना और बताया कि पेपर सेट करने वाले प्रोफेसर और मॉडरेटर को नोटिस जारी किया गया है। आयोग की सभी परीक्षाओं के लिए उन्हें ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा। उधर, जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) और अखिल भारतीय छात्र संगठन (एबीवीपी) ने सोमवार को पीएससी मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

यह है मामला

हंगामा भील जनजाति को लेकर आए गद्यांश पर उपजा है। इसके आधार पर सवालों के जवाब देने थे। गद्यांश में लिखा है कि भील निर्धन जनजाति है। भीलों की आर्थिक विपन्नता का प्रमुख कारण आय से अधिक व्यय करना है। भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का एक प्रमुख कारण यह है कि ये सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाते। फलत: धनोपार्जन की आशा में गैर वैधानिक तथा अनैतिक कामों में भी संलिप्त हो जाते हैं। यह सवाल 'मध्य प्रदेश के चहुंमुखी विकास' किताब के पेज नंबर 78 के टॉपिक 'आदिवासियों का सामाजिक आíथक जीवन व अनुभव' से लिया गया है। किताब के लेखक जयपुर के डॉ. बीके ठाकुर और प्रभा शर्मा हैं।

निराश्रित पेंशन पर भी लक्ष्मण ने सरकार को घेरा

लक्ष्मण सिंह ने गुना जिले के कुंभराज में मंच से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वहां की सरकार सरकारी खर्चे कम कर जनता को बिजली और पानी मुफ्त दे रही है। वहां का मुख्यमंत्री हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर में नहीं घूमता है। उस पैसे से निराश्रितों को तीन हजार रुपये महीना पेंशन दी जाती है। हमने सरकार बनने से पहले एक हजार रुपए देने का कहा था, लेकिन 600 रुपये दे रहे हैं।


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