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RSS Vijayadashami Program: जानें कौन हैं संतोष यादव, जिन्हें RSS ने बनाया मुख्य अतिथि, बताया अपना अनुभव

RSS Vijadashmi Programनागपुर के RSS मुख्यालय में विजयदशमी के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बता दें विजयदशमी के दिन ही संघ की स्थापना हुई थी। कार्यक्रम भारत की पहली पर्वतारोही संतोष यादव ने संबोधित किया। जानें- कौन है संतोष यादव?

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 05 Oct 2022 02:24 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 03:07 PM (IST)
RSS Vijayadashami Program: जानें कौन हैं संतोष यादव, जिन्हें RSS ने बनाया मुख्य अतिथि, बताया अपना अनुभव
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि शामिल हुई संतोष यादव (फोटो एजेंसी)

नई दिल्ला आनलाइन डेस्क। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की स्थापना के बाद से हर साल नागपुर में दशहरे पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। साल 1925 के बाद इस कार्यक्रम में कोई पुरुष मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करता आया है। लेकिन पहली बार इस प्रोग्राम में संघ किसी महिला को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। हालांकि 1936 में संघ ने अपनी महिला विंग राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना की थी। उस वक्त लक्ष्मीबाई केलकर को बुलाया गया था।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इस वर्ष पर्वतारोही संतोष यादव शामिल हुईं। आरएसएस की स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा कि लोग मेरे हाव-भाव देखकर पूछते थे कि क्या तुम संघी हो? इसका जवाब देते हुए मैं उन्हें कहती थी कि वो क्या होता है। आज किस्मत मुझे सर्वोच्च मंच पर लेकर आई है।

संतोष यादव ने एक किस्सा बताते हुए कहा कि एक बार जेएनयू में वह पर्यावरण पर बोल रही थीं। तभी एक छात्रा ने उनसे कहा कि हमें रामचरितमानस या गीता पढ़ने के लिए क्यों कहा जाता है। मैंने उन्हें कहा कि ऐसा तो मैंने नहीं कहा है। फिर मैंने उन्हें कहा कि आपने इन पुस्तकों को पढ़ा है? तो उन्होंने कहा कि नहीं। फिर मैंने उन्हें कहा कि बिना पढ़े आप इन पुस्तकों को लेकर द्वेष क्यों पाल रही हैं। आप इसे पढ़िए। सनातन संस्कृति सृजन की प्रेरणा देता है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत विजय दशमी समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर पर्वतारोही संतोष यादव, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित रहे।

कौन हैं संतोष यादव?

संतोष यादव पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की है। उन्होंने पहली बार मई 1992 और दूसरी बार मई 1993 में एवरेस्ट चोटी फतह की और ऐसा कर उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा संतोष कांगसुंग की तरफ से माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ने वाली दुनिया की पहली महिला भी हैं। संतोष यादव का जन्म हरियाणा के रेवाणी जिले में साल 1968 में हुआ था। उनके इलाके में लड़कियों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था, लेकिन संतोष के परिवार ने उन्हें पढ़ाया और आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें जयपुर भेजा, जहां महारानी कॉलेज से उन्होंने आगे की पढ़ाई की।

संतोष यादव को असाधारण काम के लिए साल 2000 में भारत सरकार ने चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया था। फिलहाल संतोष यादव भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में एक पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। साथ ही उन्होंने उत्तरकाशी नेहरू माउंटीनियरिंग कॉलेज से ट्रेनिंग भी ली थी।

हर साल नागपुर में होता है दशहरा कार्यक्रम

आरएसएस की स्थापना के बाद से हर साल नागपुर में दशहरे पर कार्यक्रम का आयोजन होता है। साल 1925 के बाद इस कार्यक्रम में कोई पुरुष मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करता आया है, लेकिन पहली बार इसमें किसी महिला को मुख्य अतिथि बनाया गया है। हालांकि 1936 में संघ ने अपनी महिला विंग राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना की थी।

प्रणव मुखर्जी से लेकर कैलाश सत्यार्थी तक रह चुके हैं मुख्य अतिथि

आरएसएस अपने वार्षिक दशहरा कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्र और राजनीतिक दलों के लोगों को बतौर मुख्य अतिथि बुलाता रहा है। हाल के दिनों में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, डीआरडीओ के पूर्व डायरेक्टर जनरल विजय सारस्वत, एचसीएल चीफ शिव नाडर, नेपाल के पूर्व सैन्य प्रमुख रुक्मांगद कटवाल जैसी शख्सियतों को संघ दशहरे पर होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बुला चुका है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और दलित नेता दादासाहेब रामकृष्ण सूर्यभान गवई, वामपंथी विचारों वाले कृष्णा अय्यर और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष जैसे नाम इस कड़ी में शामिल हो चुके हैं।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 2018 में संघ के इस कार्यक्रम में शामिल होना काफी चर्चा का विषय रहा था। मुखर्जी राष्ट्रपति का पद छोड़ने के बाद संघ के इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे लेकिन दिग्गज कांग्रेस नेता होने की वजह से कार्यक्रम में शामिल होने के उनके फैसले पर उनकी ही पार्टी के लोग सवाल उठा रहे थे।

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