राम मंदिर मामले में मध्यस्थता पर संघ ने कहा- कोर्ट के निर्णय का ना ही स्वागत ना ही विरोध
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने पुलवामा हमले के बाद एयरफोर्स द्वारा की गई कार्रवाई व सरकार के कदम को सही ठहराया।
ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। श्रीराम मंदिर मामले में मध्यस्थता के निर्णय को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि संघ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत या विरोध नहीं करता है। अनुभवों से लगता नहीं है कि ये काम पूरा हो सकेगा। समाधान होता है तो अच्छी बात है।
बेहतर होता कि इस मामले में निर्णय करते समय विशेष धर्म परंपरा का पालन करने वाले लोगों का अभिमत लिया जाता। यह ठीक उसी तरह से होता, जिस तरह से मेडिकल के किसी मामले में चिकित्सक का परामर्श लिया जाता है। इस दौरान उन्होंने एयर स्ट्राइक को लेकर सुबूत मांगने वालों पर भी हमला बोला।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश की जनता सुबूत नहीं मांग रही है। लोगों को पता है कि एयर स्ट्राइक हुई है। दुनिया का कोई देश भी सुबूत नहीं मांग रहा। अपने ही देश के कुछ लोगों को यदि इसमें संदेह लगता है तो ये उनकी देशभक्ति और विश्वास पर सवालिया निशान खड़ा करेगा। मेरा मानना है ऐसे लोगों को अगली बार साथ ले जाना ठीक रहेगा। उन्होंने पुलवामा हमले के बाद एयरफोर्स द्वारा की गई कार्रवाई व सरकार के कदम को सही ठहराया।
सरकार को संघ का समर्थन
लोकसभा चुनाव और उसमें संघ की भूमिका पर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमने स्वयंसेवकों से कहा है कि शत-प्रतिशत मतदान कराएं। सभी का नाम मतदाता सूची में हों। बाद में उन्होंने सरकार के निर्णयों की सराहना की। कहा कि देशहित में काम करने वाली सरकार को समर्थन करते हैं। जो सरकार संघ के प्रतिवेदनों का पालन करती है, उसका हम समर्थन करते हैं। इसमें बुराई ही क्या है।
शाह के आने के सवाल पर जवाब
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्रतिनिधि सभा की बैठक में शामिल होने को लेकर होसबले ने कहा कि हर साल प्रतिनिधि सभा की बैठक में भाजपा अध्यक्ष आते हैं। अन्य संगठनों की अध्यक्ष भी आते हैं। यह निर्धारित प्रक्रिया है। वह यहां सरसंघचालक से मिलने आए हों ऐसा भी नहीं है। वह सभी से मिलेंगे। शायद मुझसे भी मिलें। शरण में आने को लेकर उन्होंने कहा कि यहां जो अपेक्षित है वही आएगा।
भारतीय परिवार व्यवस्था को पाठ्यक्रम में किया जाए शामिल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में शनिवार को 'भारतीय परिवार व्यवस्था-मानवता के लिए अनुपम देन' विषय पर लाया गया प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया कि भारतीय परिवार व्यवस्था को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। बैठक में रखे गए दूसरे प्रस्ताव 'सबरीमला मंदिर' पर देर शाम तक चर्चा चली, इसे रविवार को पारित किया जाएगा।
संघ की प्रतिनिधि सभा ने आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ पर शनिवार को एक वक्तव्य जारी किया है। दो और वक्तव्य गुरुनानक देव की 550वीं जयंती व जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 वर्ष पूरे होने पर आएंगे। ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर, केदारधाम में चल रही बैठक के दूसरे दिन सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने बैठक में दो दिन चली कार्रवाई की जानकारी मीडिया को दी। भारतीय परिवार व्यवस्था पर पारित पहले प्रस्ताव को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी परिवार व्यवस्था मानवता के लिए अनमोल योगदान है।
भारतीय परिवार व्यवस्था पूरे परिवार को राष्ट्र से जोड़ते हुए वसुधैव कुटुम्बकम तक ले जाने की आधारभूत इकाई है। प्रतिनिधि सभा का मानना है कि इस व्यवस्था को जीवंत बनाए रखने के लिए प्रयासों की जरूरत है। भावनात्मक दूरियां बढ़ीं परिवार व्यवस्था पर प्रस्ताव लाने की जरूरत को बताते हुए होसबले ने कहा कि भौतिक युग में एक दृष्टि से दूरियां कम हुई हैं, लेकिन भावनात्मक रूप से दूरियां बढ़ रही हैं। यही कारण है कि अमेरिका जैसे राष्ट्र में एक पार्टी ने परिवार व्यवस्था को लेकर अपनी बात रखी।
मौजूदा युग में आ रहे बदलावों को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कतई नहीं है कि जो लोग अपने माता-पिता को ओल्ड एज होम या अन्य आश्रमों में छोड़कर आते हैं, वह अपने धर्म का पालन नहीं कर रहे। कुछ मजबूरियां होती हैं तो कुछ स्वतंत्र रहने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। हम उन लोगों को दोषी नहीं ठहरा सकते, जो अपने माता-पिता या परिवार के साथ नहीं रह पा रहे हैं। प्रतिनिधि सभा का मानना है कि आज परिवार को सुदृढ़ करने की जरूरत है। परिवार के साथ भोजन-भजन करना, तीर्थाटन पर जाना आजकल कम हो रहा है। साथ में भोजन करना भी एक संस्कार है।
फिल्म निर्माता भी विचार करें होसबले ने कहा कि जिस तरह पर्यावरण व स्वच्छता को पाठ्यक्रम से जोड़ा गया है, उस तरह परिवार व्यवस्था को भी पाठ्यक्रम से जोड़े जाने की जरूरत है। उन्होंने टीवी पर आने वाले किसी धारावाहिक का नाम लिए बिना कहा कि फिल्मकारों को भी इस क्रम में आगे आना चाहिए। कुछ फिल्मों या नाटकों में ऐसा दिखाते हैं जहां पति-पत्नी को एक-दूसरे पर शंका बता दी जाती है। इस तरह के सीरियल या फिल्मों से समाज में नकारात्मकता आती है।
आजाद हिंद सरकार का इतिहास जानना जरूरी आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सभा के दूसरे दिन पहला वक्तव्य रखा गया। इसमें कहा गया कि जापान की नौ सेना द्वारा अंडमान निकोबार द्वीप समूह के जीते गए दो द्वीप आजाद हिंद सरकार को सौंपे गए थे। नेताजी ने इनका नाम शहीद और स्वराज रखा था। इस घटना का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान है। युवा पीढ़ी तक यह इतिहास पहुंचना जरूरी है। गुरुनानक देव की 550वीं जयंती व जलियांवाला बाग हत्याकांड पर वक्तव्य रविवार को सरकार्यवाह सुरेश भैय्या जोशी द्वारा रखे जाएंगे। इसके साथ ही सबरीमला पर शनिवार को रखे गए प्रस्ताव पर दिनभर चर्चा चली। इसे रविवार को पारित किया जाएगा।
बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी आए बैठक में भाग लेने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को दोपहर लगभग 1:30 बजे विशेष विमान से ग्वालियर पहुंचे। उनके साथ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल भी थे। रविवार को सभा में भाजपा अध्यक्ष की ओर से कार्यवृत्त रखा जाएगा। उनकी संघ प्रमुख मोहन भागवत से चर्चा भी होगी।