संघ प्रमुख भागवत बोले, देश का माहौल खराब करना चाहती हैं राष्ट्र विरोधी ताकतें, मुकाबला करें लोग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि राष्ट्र विरोधी ताकतें देश के माहौल को खराब करना चाहती हैं लोग ऐसी साजिशों का डटकर मुकाबला करें...
भोपाल, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा है कि राष्ट्र विरोधी ताकतें देश के माहौल को खराब करना चाहती हैं। लोग ऐसी राष्ट्र विरोधी साजिशों से सतर्क रहें और डटकर उनका मुकाबला करें। उन्होंने प्रबुद्ध लोगों से युवाओं और समाज को इन राष्ट्र विरोधी साजिशों से सतर्क करने का आह्वान किया। वह मंगलवार को भोपाल स्थित शारदा विहार विद्यालय में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभाग प्रचारकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. भागवत ने प्रांतीय एवं जिले के अधिकारियों की बैठक में कहा कि धर्म, संस्कृति एवं समाज के सर्वागीण विकास को पूर्ण करने का दायित्व हमारा है। इसको पूरा करने के लिए हम सभी को मनुष्य निर्माण के कार्य में लग जाना चाहिए। समस्याओं के समाधान के लिए ऐसे सामर्थ्यवान स्वयंसेवक खड़े करने हैं, जो परिस्थिति के साथ स्वयं की भूमिका को तय करने के लिए तैयार रहें। बैठक में उन्होंने ग्राम विकास के कार्यों एवं वर्तमान विकास कार्यों के साथ आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की समीक्षा की। संघ प्रमुख ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बारे में भी जानकारी ली।
संघ प्रमुख (Mohan Bhagwat) तीन दिन से भोपाल में हैं। उन्होंने सोमवार को भी जिला प्रचारकों के साथ बैठक की। कल यानी बुधवार को वह भारतीय जनता पार्टी एवं संघ के आनुषांगिक संगठनों के साथ समन्वय बैठक करेंगे। इसमें उक्त दोनों राज्यों के प्रदेशाध्यक्ष और संगठन महामंत्री शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को भोपाल आएंगे। यह बैठक दो दिन चलेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह दो दिन इस बैठक में शामिल होंगे।
तीन दिन पहले मध्य प्रदेश के गुना में मोहन भागवत ने कहा था कि आज देश को नेता की नहीं, नायक की जरूरत है। आज हर व्यक्ति नेता बनने की कोशिश कर रहा है जो ठीक नहीं है। जब तक समाज नहीं बदलता, देश का भविष्य नहीं बदल सकता है। यदि हम राष्ट्र का उत्थान चाहते हैं तो इसके लिए प्रयास भी करने होंगे। कुछ लोग कभी सामने नहीं आते लेकिन वह नींव के पत्थर का काम करते हुए देश के हित में अपना जीवन लगा देते हैं। आज हमें उन्हीं के रास्ते पर चलने की कोशिश करनी चाहिए।