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रोहिंग्‍या बने देश के लिए सिरदर्द, बाबा रामदेव ने भी जताई चिंता, जानें क्‍या कहा

बाबा रामदेव ने कहा कि अगर लोगों को भारत में अवैध तरीके से रखा गया तो यहां दस और कश्मीर तैयार हो जाएंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 06:48 PM (IST)
रोहिंग्‍या बने देश के लिए सिरदर्द, बाबा रामदेव ने भी जताई चिंता, जानें क्‍या कहा
रोहिंग्‍या बने देश के लिए सिरदर्द, बाबा रामदेव ने भी जताई चिंता, जानें क्‍या कहा

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। भारत में लाखों की तादाद में बसे रोहिंग्‍या मुसलमान देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं। इनका उपयोग आतंकी संगठन देश में साजिश रचने के लिए कर रहे हैं। कई सीमावर्ती राज्‍यों में इनकी बड़ी तादाद देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकती है। इसे लेकर सुरक्षा संगठनों से लेकर राजनीतिक संगठनों तक ने समय-समय पर आगाह किया है।

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कुछ दिनों में ये रोहिंग्‍या आधार कार्ड, वोटर आइडी, पैन कार्ड और पासपोर्ट हासिल कर लेते हैं और यहां के नागरिक बन जाते हैं। यहां तक कि कुछ समय बाद राशन कार्ड और बिजली का कनेक्‍शन भी ले लेते हैं। इससे देश के हित प्रभावित हो सकते हैं बल्कि तनाव भी पैदा हो सकता है।

 

रोहिंग्‍या यहां बस गए तो दस कश्‍मीर और तैयार हो जाएंगे : स्‍वामी रामदेव

इस मामले में बाबा रामदेव ने कहा कि अगर लोगों को भारत में अवैध तरीके से रखा गया तो यहां दस और कश्मीर तैयार हो जाएंगे। बाबा रामदेव ने एनआरसी मुद्दे पर कहा कि तीन-चार करोड़ लोग भारत में अवैध तरीके से रहते हैं, इसमें रोहिंग्या ऊपर से और आ गए, जिनको गलत तरीके से ट्रेनिंग दी गई है।

उन्होंने कहा कि रोहिंग्या यहां पर बस गए तो यहां दस कश्मीर और तैयार हो जाएंगे। इससे पहले गृह राज्य मंत्री ने भी कहा था कि 'बड़ी संख्या में रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। देश की आंतरिक सुरक्षा को उनसे खतरा है और सुरक्षा से सरकार समझौता नहीं कर सकती।'

 

जम्‍मू में रोहिंग्या बस्ती से मिले थे 29 लाख रुपये  

जम्मू के छन्नी हिम्मत पुलिस ने बुधवार को बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए शहर के नरवाल क्षेत्र में रोहिंग्या बस्ती से करीब 29 लाख रुपये की नकदी बरामद कर तीन महिलाओं समेत चार लोगों को हिरासत में ले लिया। मामले के दो मुख्य आरोपी अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं।

पुलिस को संदेह है कि इतनी बड़ी राशि रोहिंग्याओं को आतंकी संगठनों ने दी होगी, ताकि इनका प्रयोग ओवर ग्राउंड वर्कर्स के तौर पर किया जा सके। इस समय करीब 40 हजार रोहिंग्‍या जम्‍मू कश्‍मीर में रह रहे हैं।

रोहिंग्‍या झुग्गियों के पास बनी है सैन्य छावनी

नरवाल तथा सुंजवां इलाके में सैन्य छावनी भी है। कुछ माह पूर्व सुंजवां सैन्य शिविर पर आतंकी हमला भी हो चुका है। उस समय भी जांच में सामने आया था कि सैन्य शिविर में हमला करने आए आतंकी रोहिंग्या बस्ती में छिपे थे। अब रोहिंग्या बस्ती में रहने वाले लोगों से इतनी अधिक नकदी मिलने से इस बात को बल मिल रहा है कि ये लोग आतंकियों के मददगार हो सकते हैं। सेना ने भी सैन्य क्षेत्र से रोहिंग्याओं को बाहर करने की जिला प्रशासन से मांग की थी। रोहिंग्या की मौजूदगी सेना के लिए खतरा बन सकती है।

 

इन पर मानव तथा मादक तस्करी के भी दर्ज हैं मामले

नरवाल पुलिस चौकी में पिछले छह माह में रोहिंग्याओं पर युवतियों की खरीद फरोख्त के दो मामले दर्ज हो चुके हैं। जम्मू में रह रहे रोहिंग्या म्यांमार से युवतियों को काम दिलवाने के बहाने जम्मू लेकर आते हैं और यहां उन्हें बेच देते हैं। इसके अलावा त्रिकुटा नगर तथा छन्नी हिम्मत पुलिस ने भी कई रोहिंग्या को मादक तस्करी के आरोप में पकड़ा है।

आधार कार्ड, पैनकार्ड और वोटर कार्ड के साथ पकड़े गए तीन रोहिंग्‍या

कुछ दिन पहले हैदराबाद पुलिस ने एक महिला सहित तीन रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाए गए आधार कार्ड, वोटर-आइडी, पैन कार्ड और पासपोर्ट मिले हैं। तीनों वर्ष 2013 में शरणार्थी के तौर पर म्यांमार से हैदराबाद आए थे। बाद में अपनी असली पहचान छिपाते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तीनों ने सभी प्रकार के पहचान पत्र हासिल कर लिए। इन लोगों ने बैंक खाता भी खोल लिया था।

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक तीनों यहां आकर स्थानीय लोगों के बीच घुल-मिल गए थे। तीनों ही आरोपी आवेदन पत्रों में स्वयं को भारतीय नागरिक बताते थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि इन तीनों का नाम संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के पास शरणार्थी के रूप में भी दर्ज नहीं है। हैदराबाद के विभिन्न हिस्सों में लगभग 3000-4000 रोहिंग्या के रहने का अनुमान है।

पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश से 900 रोहिंग्या मुसलमान लापता

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से करीब 900 रोहिंग्या मुसलमान लापता हो गए हैं। 27 जून, 2018 को सनसनीखेज रिपोर्ट खुद खुफिया सुरक्षा एजेंसियों ने सर्वे के बाद तैयार की है। इनमें से सर्वाधिक 217 अलीगढ़ से लापता हैं।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी उप्र को कुल 1200 रोहिंग्या ने ठिकाना बना रखा है। इनमें से सिर्फ 307 के बारे में ही सुरक्षा एजेंसियां जानकारी जुटा पाई हैं।बाकी 893 लापता हैं। वर्ष 2016 में हुए सर्वे में एजेंसियां कोई सटीक आंकड़ा तक पता नहीं कर सकी थीं। अब केंद्र सरकार के कड़े रुख के बाद रोहिंग्या की हर जिले में तलाश हो रही है।

 

दिल्‍ली-एनसीआर की झुग्गियों में लाखों की तादाद में रहे बाग्‍लादेशी और रोहिंग्‍या मुसलमान

दिल्ली-एनसीआर में लाखों की तादाद में अवैध रूप से बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था बिगाड़ने के मकसद से नकली नोटों के कारोबार से लेकर ड्रग्स तस्करी और सभी तरह की आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं।

इनके पास न केवल भारतीय मतदाता पहचान पत्र है बल्कि राशन कार्ड व आधार कार्ड से लेकर वे तमाम दस्तावेज मौजूद हैं जो उनके स्थानीय नागरिक बताने के लिए काफी हैं। ये लोग न केवल सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं बल्कि अब तो दिल्ली-एनसीआर में मुस्लिम परिवारों में अपने बच्चों की शादियां भी रचानी शुरू कर दी हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में 685 झुग्गी क्लस्टर (बस्ती) हैं, जिनमें करीब तीन लाख झुग्गियां हैं। सभी बस्तियों में आधे से अधिक बांग्लादेशी रहते हैं। नई दिल्ली हो अथवा दक्षिण जिला में भी हजारों की संख्या में शरणार्थी अवैध रूप से रह रहे हैं।

रोहिंग्‍या घूम-घूम कर मांग रहे चंदा, नेपाल सीमा पर अलर्ट

गृह मंत्रालय रोहिंग्या मुसलमालों को लेकर कई प्रांतों में अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से भारत-नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के लिए सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय ने एक जून, 2018 को उत्तर प्रदेश पुलिस को पत्र के जरिए अवगत कराया है कि रोहिंग्या के करीब 27-28 सदस्य चंदा मांगने के लिए निकले हैं। वह मस्जिद, मदरसों और मुस्लिम संगठनों जैसे जमात-ए-अहले हदीश के प्रमुखों को पत्र लिखकर रोहिंग्या मुस्लिमों की दुर्दशा को उजागर करते हुए आर्थिक सहायता के लिए अनुरोध कर रहे हैं।

गृहमंत्रालय ने आशंका जताई है कि बांग्लादेशी/म्यामार के सशस्त्र आतंकवादी रोहिंग्या समूह में हिंसा के लिए इस धन का उपयोग हो सकता है। गृह मंत्रालय के पत्र को संज्ञान में लेते हुए सीमाई क्षेत्रों में पूरी तरह अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

राज्‍य और नाम बदलकर नहीं छिप सकेंगे रोहिंग्‍या  

खुद को पश्चिम बंगाल का, बिहार का अन्य प्रदेश का मूल निवासी बताकर रोहिंग्या प्रवासी अब किसी भी राज्य में नहीं छिप सकेंगे। देश भर में बसे अवैध रोहिंग्या प्रवासियों की डिजिटल पड़ताल कराई जाएगी। इन सभी का बायोमीट्रिक रिकॉर्ड लेकर सेंट्रल डाटा बेस तैयार कराया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के फरमान पर उत्‍तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव अभिषेक प्रकाश ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं। 

 

बांग्लादेश बॉर्डर पर देश में घुसने की फिराक में रोहिंग्‍या मुसलमान 

बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को मानसून के कहर से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर ले जाना वहां की सरकार के लिए गंभीर समस्या है। यही नहीं, शरणार्थी शिविरों में बाढ़ आने पर रोहिंग्या मुस्लिमों के भारत में घुसपैठ करने की भी आशंका जताई गई है।

इस संबंध में खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने घुसपैठ को रोकने के लिए अपने जवानों को सतर्क कर दिया है। भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ के पास है।

भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध शरणार्थियों को देश में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। कई रोहिंग्याओं के पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ से जुड़े होने का पता चला है। आइएसआइ नकली भारतीय मुद्रा पहुंचाने के लिए रोहिंग्या का इस्तेमाल करना चाहती है। बताया जाता है कि रोहिंग्या अवैध रूप से भारतीय पहचान हासिल करने का भी प्रयास कर रहे हैं। 

केंद्र सरकार ने कहा, रोहिंग्या मुस्लिमों को दे रहे जरूरी सुविधाएं  

ऐसा नहीं है कि भारत में रहने वाले रोहिंग्‍या मुसलमानों से भेदभाव का व्‍यवहार किया जा रहा है बल्कि उन्‍हें सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। केंद्र सरकार ने 9 मई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर बताया कि म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा। उन्हें स्वास्थ्य, सफाई, शिक्षा, रिहायशी संबंधी बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। केंद्र सरकार ने बताया कि म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा। उन्हें स्वास्थ्य, सफाई, शिक्षा, रिहायशी संबंधी बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।     


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