Monsoon Session: लोकसभा में पेश हुआ बिजली संशोधन विधेयक, मंत्री आर के सिंह ने कहा- पावर ट्रांसमिशन पर है विदेशी हमले का खतरा
बिजली मंत्री ने कहा कि पूरे देश का बिजली ट्रांसमिशन सेक्टर अब एक हो गया है लेकिन इस पर हमले का खतरा भी बढ़ गया है। कोई भी एक बड़ा हमला करके देश के ट्रांसमिशन लाइन को खतरा पहुंचाया जा सकता है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 लोकसभा में पेश कर दिया गया है लेकिन इसको लेकर विपक्षी दलों की तरफ स काफी हंगामा किया गया। बजट पेश करने के बाद बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि जिन मुद्दों पर विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं वो मुद्दे प्रस्तावित विधेयक में शामिल ही नहीं किये गये हैं। उनका साफ तौर पर कहा है कि प्रस्तावित विधेयक में किसानों के हितों को प्रभावित करने वाला कोई मुद्दा ही नहीं है। विपक्षी दल के नेताओं ने इस विधेयक के बारे में पढ़ा नहीं है या फिर पढ़ा है तो उसे समझा नहीं है। बिजली मंत्री ने यह भी कहा ह कि अगले आठ वर्षों में देश में बिजली उत्पादन की क्षमता को दोगुना करने के लिए भारी निवेश करने की जरूरत है और प्रस्तावित विधेयक इस क्षेत्र में निवेश की राह खोलेगा।
बिजली मंत्री ने कहा कि पूरे देश का बिजली ट्रांसमिशन सेक्टर अब एक हो गया है लेकिन इस पर हमले का खतरा भी बढ़ गया है। कोई भी एक बड़ा हमला करके देश के ट्रांसमिशन लाइन को खतरा पहुंचाया जा सकता है। इस तरह का हमला पहले भी हुआ और अभी भी हो रहा है। सरकार की तरफ से इस तरह के हमले को रोकने की व्यवस्था है और प्रस्तावित विधेयक से इस तंत्र को और मजबूत किया जा रहा है ताकि देश के बिजली ट्रांसमिशन सेक्टर को दुश्मनों के हमले से बचाया जा सके। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि किस तरह से बिजली मंत्री का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है कि पूर्व में चीन की तरफ से देश की ट्रांसमिशन लाइन पर हमला करने को लेकर कई बार खबरें आई हैं। कुछ विदेशी मीडिया ने इस बारे में खबरें प्रकाशित की हैं।
बिजली मंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज किया है कि प्रस्तावित विधेयक को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। बिजली मंत्री सिंह के मुताबिक सभी राज्यों के प्रतिनिधियों से विमर्श किया गया। हाल ही में कृषि मंत्रालय को पत्र लिख कर बताया गया कि इसमें किस तरह के प्रावधान हैं। साथ ही विधेययक पेश करने के साथ ही मैंने पत्र लिख कर लोकसभा अध्यक्ष को यह सुझाव दिया है कि इसे संसदीय समिति को भेज दिया जाए ताकि इस पर और विमर्श हो सके।
उन्होंने जोर दे कर कहा कि इस विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो बिजली क्षेत्र में सब्सिडी देने के मौजूदा तौर-तरीके में किसी तरह की बाधा उत्पन्न करता हो। कोई सरकार जितनी सब्सिडी देना चाहती है, दे सकती है। हां, क्रास सब्सिडी के समायोजन को लेकर नए प्रावधान किये जा रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अगर एक सेक्टर से आप ज्यादा बिजली बिल वसूल रहे हैं तो उसे ऐसे वर्ग पर खर्च किया जाए जिसे इसकी जरूरत है। इससे बिजली वितरण कंपनियों का ही भला होगा।