गुजरात में विधानसभा की 20 सीटों के नतीजों को चुनौती, उठाए गए ये मुद्दे
पिछले साल दिसंबर में गुजरात में 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे। याचिकाओं में कई मुद्दे उठाए गए हैं।
अहमदाबाद, पीटीआई। गुजरात हाई कोर्ट में विधानसभा की 20 सीटों के परिणामों को चुनौती दी गई है। इन सीटों पर चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी याचिकाओं में नतीजों पर आपत्ति जताई है। इन 20 याचिकाओं पर अगले कुछ दिनों में सुनवाई होने की उम्मीद है। पिछले साल दिसंबर में गुजरात में 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे।
चुनाव याचिकाएं जमालपुर-खादिया, पाटन, गांधीनगर (उत्तर), बोताद, धोलका, हिम्मतनगर, वारचूला रोड, लिंबायत, गरियाधर, गोधरा, दानिलिंदा, प्रांतिज, संतरामपुर, मांडवी, पोरबंदर, वागरा, मरतार, दाभोई, कामरेज और देवभूमि द्वारिका सीटों के संबंध में दायर की गईं हैं। इन सीटों में से चार पर कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी, जबकि अन्य में भाजपा ने बाजी मारी थी। दिलचस्प यह है कि इसमें 16 सीटें ऐसी हैं, जिसमें जीत का अंतर 3,000 वोट से भी कम है।
याचिकाओं में परिणाम को चुनौती देने के लिए 'खराब' इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के इस्तेमाल सहित कई मुद्दे उठाए गए हैं। याचिकाकर्ताओं ने चुनाव परिणामों को रद और फिर से मतदान कराने की मांग की है।
इन विधानसभाओं में से कुछ निर्वाचन क्षेत्रों का भूपेंद्रसिंह चूडास्मा, (धोलका), सौरभ पटेल (बोताद) और बाबू बोखिरिया (पोरबंदर) जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रतिनिधित्व करते हैं। कांग्रेस के अश्विन राठौड़ की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि धोलका में पोस्टल बैलेट की गिनती नहीं हुई थी। अश्विन यहां चूडास्मा से बहुत मामूली अंतर से हारे थे। आपको बता दें कि गुजरात में भाजपा ने 99 और कांग्रेस ने 81 सीटों पर जीत दर्ज की है।