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तेलंगाना विधानसभा ने CAA, NPR और NRC के खिलाफ पास किया प्रस्‍ताव, केसीआर बोले- पुनर्विचार करे केंद्र

तेलंगाना विधानसभा (Telangana Assembly) ने सीएए के खिलाफ प्रस्‍ताव को पास कर दिया है। सीएम के चंद्रशेखर राव का कहना है कि ऐसे लाखों लोग हैं जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 03:31 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 05:21 PM (IST)
तेलंगाना विधानसभा ने CAA, NPR और NRC के खिलाफ पास किया प्रस्‍ताव, केसीआर बोले- पुनर्विचार करे केंद्र
तेलंगाना विधानसभा ने CAA, NPR और NRC के खिलाफ पास किया प्रस्‍ताव, केसीआर बोले- पुनर्विचार करे केंद्र

हैदराबाद, एजेंसियां। तेलंगाना विधानसभा ने सोमवार को सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। प्रस्ताव में केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) में संशोधन कर उससे धर्म और देश के संदर्भ को हटाने का अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने यह प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि सदन के सदस्यों को यह आशंका है कि प्रस्तावित राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से बहुत बड़ी आबादी बाहर रह जाएगी।

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प्रस्ताव में तेलंगाना सरकार से एनपीआर और एनआरसी से राज्य के लोगों की सुरक्षा करने का आग्रह किया गया है। मुख्यमंत्री राव ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रस्ताव का व्यापक पैमाने पर विरोध हो रहा है और एनपीआर के असल मकसद को लेकर संदेह पैदा हो गया है। ऐसा नहीं है कि तेलंगाना की विधानसभा में ही ऐसा प्रस्‍ताव पारित हुआ है। इससे पहले केरल, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश विधानसभाओं में संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act, CAA) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं। 

बीते दिनों नागरिकता संशोधन एक्‍ट को वापस लेने की मांग वाले एक प्रस्‍ताव को पारित पर केरल के राज्‍यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने कहा था कि इस प्रस्‍ताव की कोई कानूनी या संवैधानिक वैधता नहीं है क्योंकि नागरिकता का मसला केंद्र का है। उन्‍होंने यह भी साफ किया था कि असल में इस प्रस्‍ताव का कोई भी मतलब नहीं है। इससे पहले गृह मंत्रालय भी यह साफ कर चुका है कि कोई भी राज्‍य संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act, CAA) कानून को लागू करने से मना नहीं कर सकता है। जानकारों की भी मानें तो राज्‍यों को हर हाल में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करना ही होगा।

बीते गुरुवार को संदस में इस मसले पर जबर्दस्‍त बहस देखने को म‍िली थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में विपक्षी नेताओं पर सीएए और एनपीआर के मसले पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। उन्‍होंने कहा था कि यह भ्रम फैलाया गया कि सीएए से उनकी नागरिकता छिन जाएगी।  शाह ने आगे कहा कि कपिल सिब्बल साहब सुप्रीम कोर्ट के बहुत बड़े वकील हैं। आप ही सीएए में कोई एक ऐसा प्रावधान बता दीजिए जिससे मुस्लिमों की नागरिकता जाती हो। इसके बाद कपिल सिब्बल ने कहा था कि कोई नहीं कह रहा कि सीएए किसी की नागरिकता छीनेगा। सिब्‍बल के इस जवाब पर शाह ने कहा था कि मैं कांग्रेस के कई नेताओं को कोट कर सकता हूं जिसमें उन्होंने कहा है कि सीएए मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा।


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