उर्जित पटेल के इस्तीफे पर सरकार ने की प्रशंसा, विपक्ष हुआ हमलावर
उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर विपक्ष हमलावर है, वहीं सरकार ने गर्वनर के रूप में किए गए काम को याद किया और प्रशंसा की।
नई दिल्ली, जेएनएन। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया है। इसको लेकर विपक्ष हमलावर है, वहीं सरकार ने उर्जित पटेल के गर्वनर के रूप में किए गए काम को याद किया और उनकी प्रशंसा की।
उच्च क्षमता वाले अर्थशास्त्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके काम की प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉ. उर्जित पटेल मैक्रो-इकोनॉमिक मुद्दों की गहरी और अंतर्दृष्टि समझ के साथ एक बहुत ही उच्च क्षमता वाले अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने अराजकता से बैंकिंग प्रणाली को सही रास्ते पर लाने और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में आरबीआई वित्तीय स्थिरता लेकर लाई। उन्होंने कहा कि डॉ. उर्जित पटेल निर्विवाद रूप से ईमानदारी के साथ एक पेशेवर हैं। वह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में लगभग 6 वर्षों के लिए उप गवर्नर और गवर्नर के रूप में काम करते रहे हैं। वह एक महान विरासत को पीछे छोड़ कर जा रहे हैं। हम उन्हें बहुत याद करेंगे।
'गहरी समझ के साथ प्रदान की सेवाएं'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आरबीआई के गवर्नर और उप गवर्नर के रूप में डॉ. उर्जित पटेल द्वारा गहरी समझ के साथ प्रदान की जाने वाली सेवाओं को सरकार स्वीकार करती है। मैं डॉ. पटेल को बेहतरीन और कई वर्षों की सार्वजनिक सेवा के लिए मंगल कामना करता हूं।
'रिजर्व को अपने लिए इस्तेमाल करना देशविरोधी काम'
विपक्षी दलों के साथ बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बैठक के दौरान हमें पता चला कि आरबीआइ गवर्नर ने इस्तीफा दे दिया। बैठक के दौरान आम सहमति बनी कि हमें हमारी संस्थाओं- सीबीआई, आरबीआई, ईसी और अन्य पर बीजेपी के हमले को रोकना होगा। वह आरबीआइ के इंस्टिट्यूशन की रक्षा कर रहे थे। आरबीआर के रिजर्व को अपने लिए इस्तेमाल करना देश विरोधी काम है। उर्जित पटेल के कदम की सराहना करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि संस्थाओं को ध्वस्त करने के एनडीए सरकार के कदमों के खिलाफ ऐसे लोग मुखर आवाज उठाते हुए साफ कर रहे कि अब यह बर्दास्त के काबिल नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आरबीआइ को कठपुतली बनाने के सरकार के प्रयासों के खिलाफ संसद के बाहर और भीतर जबरदस्त विरोध किया जाएगा।
'अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर झटका'
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा- "मैं डॉ. पटेल को सम्मानित अर्थशास्त्री और भारत के वित्तीय संस्थानों व आर्थिक नीति की गहराई से देखभाल करने वाले व्यक्ति के रूप में जानता हूं। उनका अचानक इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण और देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर झटका है।'
'राष्ट्रपति से मिलेंगे'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम राष्ट्रपति से मिलेंगे क्योंकि वहां वित्तीय स्थिरता नहीं है। आरबीआइ के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। यह इस देश में बड़ी चिंता का विषय है और वित्तीय आपातकाल शुरू हो चुका है।
'बुरे दौर से गुजर रही है अर्थव्यवस्था'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह (पीएम) लोगों को इस्तीफा दिलाने के लिए नियुक्त करते हैं। पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने छोड़ा और अब उर्जित पटेल ने। अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। मोदी सोचते हैं कि वह सबसे बड़े अर्थशास्त्री हैं, उन्हें किसी की जरूरत नहीं है। इसीलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं।
'देश की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता खतरे में'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि जिस तरह से आरबीआइ गवर्नर को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया वह भारत की मौद्रिक और बैंकिंग प्रणाली पर एक धब्बा है। भाजपा सरकार ने वास्तव में वित्तीय आपातकाल को लगा दिया है। देश की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता अब खतरे में हैं।
इस्तीफे से दुखी हैं अचंभित नहीं
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि कोई भी स्वाभिमानी अधिकारी या व्यक्ति एनडीए सरकार के साथ काम नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि वह उर्जित के इस्तीफे से दुखी हैं, लेकिन अचंभित नहीं।
देश में आर्थिक आपात लागू
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि निर्दयी मोदी सरकार ने देश में आर्थिक आपातकाल लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक अराजकता पैदा करना और रिजर्व बैंक की आजादी को कम करते हुए भारत की मौद्रिक नीतियों से समझौता करना भाजपा के डीएनए में हैं।
'सभी भारतीयों को चिंतित होना चाहिए'
पूर्व आरबीआइ गर्वनर रघुराम राजन ने एक चैनल से बातचीत करते हुए कहा, 'मैं मानता हूं कि हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए। हमें उन हालात पर बात करनी चाहिए, जिनके बीच पटेल ने इस्तीफा दिया।' राजन ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह ऐसा मामला है, जिसके बारे में सभी भारतीयों को चिंतित होना चाहिए, क्योंकि हमारी संस्था की मज़बूती बहुत ज़रूरी है। ग्रोथ और अर्थव्यवस्था, दोनों के लिए।'
सरकार को घेरेगा विपक्ष
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब एक दिन बाद ही संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। सोमवार को ही विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए बैठक भी की है। राफेल, बेरोजगारी, किसान समेत कई मसलों को लेकर पहले से ही केंद्र पर हमलावर विपक्ष अब आरबीआई के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है।
24 वें गर्वनर थे उर्जित
उर्जित पटेल आरबीआइ के 24वें गवर्नर थे, जिन्होंने 4 सितंबर, 2016 को पद संभाला था। उनका कार्यकाल अगस्त 2019 तक का था। उर्जित पटेल से पहले सितंबर 2016 तक रघुराम राजन आरबीआइ गवर्नर थे। ध्यान रहे कि रघुराम राजन के भी केंद्र सरकार के साथ तकरार की तमाम खबरें सामने आईं। 18 जून 2016 को राजन ने कहा था कि वह दूसरी बार आरबीआइ के गवर्नर नहीं बनेंगे।