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तब्लीगी जमात सम्‍मेलन के बारे में गृहमंत्रालय ने लॉक डाउन से पहले ही राज्यों को कर दिया था आगाह, जानें इस बारे में

केंद्रीय गृहमंत्रालय का कहना है कि लॉक़डाउन से पहले ही 21 मार्च को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखकर आगाह किया गया था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 09:00 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 11:12 PM (IST)
तब्लीगी जमात सम्‍मेलन के बारे में गृहमंत्रालय ने लॉक डाउन से पहले ही राज्यों को कर दिया था आगाह, जानें इस बारे में
तब्लीगी जमात सम्‍मेलन के बारे में गृहमंत्रालय ने लॉक डाउन से पहले ही राज्यों को कर दिया था आगाह, जानें इस बारे में

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तब्लीगी जमात ने अब जबकि पूरे देश में संक्रमण का खतरा बढ़ा दिया है, केंद्रीय गृहमंत्रालय का कहना है कि लॉक़डाउन से पहले ही 21 मार्च को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखकर आगाह किया गया था। इसमें दिल्ली पुलिस के आयुक्त भी शामिल थे। तेलंगाना में जमात के कुछ लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि होते ही गृहमंत्रालय ने इसका उल्लेख करते हुए सभी राज्यों का कहा था कि इसमें शामिल सभी देशी-विदेशी लोगों की पहचान करने और उसके बाद उनकी कोरोना की जांच सुनिश्चित करने को कहा था।

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आइबी ने भी राज्यों को दी थी खतरे की चेतावनी

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार खुफिया ब्यूरो (आइबी) ने भी 28 और 29 मार्च को सभी राज्यों के डीजीपी को पत्र लिखकर जमात से जुड़े लोगों से कोरोना के फैलने के खतरे के प्रति आगाह किया था। खुफिया ब्यूरो ने बताया था कि निजामुद्दीन के मरकज में भाग लेकर लौटने वाले तब्लीगी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए राज्यों को उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेशन में रखने का प्रबंध करना चाहिए। आइबी ने राज्यों को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने कहा था।

दिल्‍ली में हुए सम्‍मेलन में दो हजार लोग हुए थे शामिल 

दिल्ली में तब्लीगी जमात का सम्मेलन 13 से 15 मार्च, 2020 के बीच हुआ था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसमें 2000 लोग शामिल हुए थे जिसमें 700-800 विदेशी थे। यह भी जांच की जा रही है कि विदेशी नागरिक किस तरह का वीजा लेकर इसमें शामिल हुए थे। अभी तक गृह मंत्रालय ने कभी इसकी छानबीन नहीं की लेकिन माना जा रहा है कि ये सभी टूरिस्ट वीजा पर आते रहे हैं जबकि असलियत में इन्हें कांफ्रेंस वीजा लेना चाहिए। अभी गृह मंत्रालय इसकी जांच कर रहा है और जो भी वीजा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उनको हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का विकल्प भी सरकार आजमाने से नहीं हिचकेगी। जमात की इस तरह की बैठक अक्सर एक-दो महीने पर होती है जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी आते रहे हैं।


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