Maharashtra Political Crisis: एकनाथ शिंदे का उद्धव ठाकरे को पत्र, 38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा हटाने पर उठाए सवाल; कही यह बात
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गृह मंत्री और डीजीपी को 38 विधायकों के परिवारों की सुरक्षा वापस लेने के संबंध में एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने उद्धव ठाकरे पर बड़ा आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री और डीजीपी महाराष्ट्र को 38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा वापस लेने के संबंध में एक पत्र लिखा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के आदेश से शिवसेना विधायकों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। उनकी और उनके परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है।
Neither the Chief Minister nor the Home Department has ordered the withdrawal of security of any MLA. The allegations being levelled through Twitter are false and completely baseless: Maharashtra Home Minister Dilip Walse Patil
(File photo) pic.twitter.com/yCKz6qNEfx— ANI (@ANI) June 25, 2022
गृह मंत्री ने आरोपों को बताया निराधार
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि न तो मुख्यमंत्री और न ही गृह विभाग ने किसी विधायक की सुरक्षा वापस लेने के आदेश दिए हैं। ट्विटर के माध्यम से लगाए जा रहे आरोप झूठे और पूरी तरह से निराधार हैं।
'आप जैसी सुरक्षा परिवार के सदस्यों को नहीं दी जा सकती'
शिवसेना नेता संजय राउत ने 38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा वापस लेने पर एकनाथ शिंदे के पत्र पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'आप विधायक हैं, इसलिए आपको सुरक्षा प्रदान की गई है। आपके परिवार के सदस्यों को आप जैसी सुरक्षा नहीं दी जा सकती।
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे आज करेंगे बैठक
- महाराष्ट्र में सियासी संकट लगातार बढ़ता जा रहा है।
- एक तरफ जहां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोपहर एक बजे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, वहीं एकनाथ शिंदे ने भी असम की राजधानी गुवाहाटी में दोपहर दो बजे बागी विधायकों की बैठक बुलाई है।
- यह बैठक रैडिसन ब्लू होटल में होगी।
हाईकोर्ट जाएंगे शिंदे
दूसरी तरफ, शिवसेना विधायक दल के नेता के तौर पर एकनाथ शिंदे को मान्यता देने और मुख्य सचेतक की नियुक्ति को महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष ने नकार दिया है। अब इस फैसले के खिलाफ शिंदे बांबे हाईकोर्ट में जाएंगे। वह इस संबंध में याचिका दाखिल करेंगे। शिंदे ने दावा किया है कि उन्हें शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है। इस संबंध में उपाध्यक्ष का फैसला अंसवैधानिक है।