Article 370: घुसपैठ को तैयार हर आतंकी का मंसूबा होगा नाकाम, LoC पर भारतीय जवानों ने बढ़ाई चौकसी
पिछले हफ्ते भारतीय सेना ने पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ कराने की एक बड़ी मुहिम को असफल किया था जिसमें पाक के बोर्डर एक्शन टीम (बैट) के पांच सदस्य मारे गये थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू व कश्मीर से धारा 370 हटा कर भारत सरकार ने पाकिस्तान को कूटनीतिक मोर्चे पर जो पटखनी दी है उससे सकते में आए पाकिस्तानी हुक्मरान भारत में आतंकियों की नई फौज भेजने के काम को अंजाम देने में जुट गये हैं।
पाक अधिकृत कश्मीर से नियंत्रण रेखा को पार कर आतंकियों को भेजने की कोशिश लगातार जारी है, लेकिन भारतीय सैन्य बलों की बेहद सतर्कता की वजह से उन्हें लौटना पड़ रहा है। पिछले सोमवार को सरकार ने धारा 370 हटाने का ऐलान किया और उसके बाद से तकरीबन हर रात पाक सेना के समर्थन से आतंकियों की टोली ने भारतीय सीमा में घुसने की असफल कोशिश की है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक बालाकोट के आतंकी शिविर पर हमला के बाद से ही नियंत्रण रेखा की निगरानी बिल्कुल 'जीरो टोलेरेंस' नीति के तहत की जा रही है जो आगे भी जारी रहेगी।
सूत्रों की मानें तो मौजूदा मौसम सीमा पार से आतंकियों के घुसपैठ में सहायक होता है। बर्फ पिघलने की वजह से रास्ता साफ होता है। ऐसे में सुरक्षा बलों को कम से कम सर्दियों की शुरुआत तक विशेष तौर पर चौकस रहना होगा। उधर, पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों की भर्ती और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम लगातार चल रहा है।
भारतीय सैन्य बलों को इन नए ट्रेनिंग कैंपों के बारे में पुख्ता जानकारी है और यह भी लगातार सूचना आ रही है कि आतंकियों पर उनकी आकाओं की तरफ से भारत में जल्द से जल्द किसी भी कीमत में प्रवेश करने का दबाव बढ़ गया है। ऐसी सूचना भी आ रही है कि पाकिस्तान भारी गोली-बारी की आड़ में आतंकियों को भेज सकता है। पाकिस्तान सेना गोली-बारी तेज करने के लिए भारी तोपखाने भी कई जगहों पर तैनात की है।
सुरक्षा सूत्र यह भी बताते हैं कि बालाकोट में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के समूचे आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को लेकर नीति बदल दी है।
भारतीय कार्रवाई के तुरंत बाद सभी शिविरों को दो-तीन महीनों के लिए बंद कर दिया गया था। बाद में कुछ नए स्थलों पर नए शिविर शुरु किये गये हैं। इनमें से कुछ आतंकी शिविर (लांचिंग पैड) तैनात पाकिस्तानी पोस्ट के आस पास ही है। इसका मकसद यह है कि जैसे ही मौका मिले तो इन्हें नियंत्रण रेखा में घुसपैठ करा दी जाए। पिछले हफ्ते भारतीय सेना ने पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ कराने की एक बड़ी मुहिम को असफल किया था जिसमें पाक के बोर्डर एक्शन टीम (बैट) के पांच सदस्य मारे गये थे।
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