Move to Jagran APP

अपने राजनीतिक भविष्‍य को बचाने में जुटे नेता बदल रहे हैं पार्टी, जानें- ऐसा करने वाले कुछ खास नाम

बीते कुछ समय से नेताओं के दल बदलकर दूसरी पार्टियों में जाने में तेजी आई है। इसकी एक वजह कुछ राज्‍यों में होने वाले विधानसभा के चुनाव हैं। जिन नेताओं को लग रहा है कि उनका राजनीतिक भविष्‍य अब मौजूदा पार्टी में सुरक्षित नहीं है वो कूच कर रहे हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 02:43 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 02:43 PM (IST)
अपने राजनीतिक भविष्‍य को बचाने में जुटे नेता बदल रहे हैं पार्टी, जानें- ऐसा करने वाले कुछ खास नाम
दल बदलने वाले नेताओं में आ गई है तेजी

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। बीते कुछ समय से नेताओं के दूसरी पार्टी में जाने की एक होड़ सी लगी दिखाई दे रही है। इसकी एक बड़ी वजह राज्‍य विधानसभा चुनाव हैं। अधिकतर ऐसे ही राज्‍यों से नेताओं की दल-बदली भी देखने को मिली है जहां पर निकट भविष्‍य में चुनाव होने हैं। बता दें कि आने वाले कुछ समय में करीब 5-6 राज्‍यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको देखते हुए नेता अपना भविष्‍य तलाशने में लगे हैं। इसके ही चलते उत्तराखंड में यशपाल आर्य ने अपने विधायक पुत्र संजीव आर्य के साथ भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। जाहिर तौर पर उनको अपना भविष्‍य कांग्रेस में दिखाई दे रहा है। उनके कांग्रेस का हाथ थामने की जानकारी दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस वार्ता में दी है। इस दौरान पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी दिल्ली में मौजूद थे।

loksabha election banner

बता दें क‍ि यशपाल जहां बाजपुर से विधायक हैं वहीं संजीव नैनीताल सीट से विधायक हैं। इनका दल बदलना इसलिए भी खास है क्‍योंकि उत्‍तराखंड की मौजूदा सरकार में यशपाल आर्य मंत्री थे। उनके पास परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन समेत आबकारी विभाग भी था।

इन्‍होंने भी बदला दल  

10 अक्‍टूबर 2021 को जम्‍मू कश्‍मीर से नेशनल कांफ्रेंस के देवेंद्र राणा और सुरजीत सिहं सलाथिया ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। राणा जम्‍मू में एनसी के अध्‍यक्ष थे।

बता दें कि राणा पूर्व विधायक और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई भी हैं। वो 2011 से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष थे। वहीं सुरजीत सिंह सलाथिया ने 2014 में विजयपुर से विधायक निर्वाचित हुए थे।

पूर्व कांग्रेसी नेता जितिन प्रसाद ने 9 जून 2021 को जनता पार्टी का दामन थामा था। उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पीवी नरसिम्‍हा राव के राजनीतिक सलाहकार उन्‍हें शाहजहांपुर, लखीमपुर तथा सीतापुर का काफी लोकप्रिय नेता माना जाता है। कांग्रेस के टिकट पर जीतकर वो लोकसभा भी पहुंचे और केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं।

सितंबर 2021में ही उत्तराखंड से कांग्रेसी नेता और की पुरोला सीट से मौजूदा विधायक राजकुमार ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इससे पहले धनौल्टी विधानसभा के विधायक प्रीतम सिंह पंवार भी भाजपा में शामिल हो गए थे।

मार्च 2020 में कांग्रेस का साथ छोड़कर युवा नेता ज्‍योर्तिादित्‍य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया था। मध्‍य प्रदेश के सीएम पद को लेकर मची खींचतान के बाद उन्‍होंने कांग्रेस से मुंह मोड़ा था। वर्तमान समय में वो केंद्र में मंत्री हैं।

देश के पूर्व राष्‍ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह के पोते इंद्रजीत सिंह कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.