सवर्णों को आरक्षण: केजरीवाल ने कही समर्थन की बात, कांग्रेस बोली- जुमले से नहीं बचेगी सरकार
मोदी कैबिनेट की ओर से सवर्णों के लिए 10 फीसद आरक्षण पर जानिए राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र सरकार ने सवर्णों के लिए 10 फीसद आरक्षण का बड़ा दांव खेला है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद लंबे समय से चली आ रही इस मांग को मंजूरी दे दी गई। केंद्र के फैसले के बाद तमाम राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस नेता जहां इसे जुमला बता रहे हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी ने इस फैसले पर सरकार का समर्थन किया है।
किसने क्या कहा
'बहुत देर कर दी मेहमान आते-आते। यह ऐलान तभी हुआ है जब चुनाव नजदीक है। वे कुछ भी कर लें, उनका कुछ नहीं होने वाला। कोई भी जुमला उछाल दें, उनकी सरकार नहीं बचने वाली : हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री
चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे। हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साफ़ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है : अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री
आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10% आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है, ऐसे कई फैसले राज्यों ने समय-समय पर लिये लेकिन 50% से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है? 10% आरक्षण बढ़ाने के लिये संविधान संशोधन करना होगा सरकार विशेष सत्र बुलाये हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फ़ैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा : संजय सिंह, सांसद, आप
आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए आरक्षण, लगता है कि चुनावी बिगुल बज चुका है : उमर अबदुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय नरेंद्र मोदी जी का, गरीब सवर्ण के मन की व्यथा को समझने के लिए। माननीय नरेंद्र मोदी जी ने कमजोर आर्थिक आधार वाले सवर्णों को 10% आरक्षण देकर समाज के मर्म को छूआ है। सरकार के इस फैसले ने सामाजिक बदलाव के इतिहास का नया पन्ना खोल दिया है : कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा नेता
आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन मोदी सरकार की ओर से बेहतरीन फैसला। इस फैसले से फिर साबित होता है कि मोदी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है : विजय गुप्ता, भाजपा नेता
यह मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम है। इसका मतलब, आठ लाख से कम आय वाले गरीब सवर्णों और 5 एकड़ से कम जमीन रखने वालों को इसका लाभ मिलेगा। इससे दूसरी आरक्षण श्रेणियों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा : विजय सांपला, केंद्रीय राज्यमंत्री
आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण देने का प्रस्ताव जुमले के अलावा कुछ नहीं है। यह कानूनी जटिलताओं से भरा है और संसद के दोनों सदनों से इसे पारित कराने का अब समय नहीं है। सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो गई है : यशवंत सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री