गुलाम नबी पर भड़की भाजपा, रविशंकर बोले- कांग्रेसियों की भाषा के समर्थन में लश्कर-ए-तैयबा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2012 में 72 और 2013 में 67 तंकी मारे गए थे। गुलाब नबी आजाद आप हमारी और अपनी सरकार के बीच अंतर देख सकते हो।
नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के कश्मीर में चार आतंकियों को मारने के लिए 20 सिविलियंस को मारा जाता है वाले बयान पर भाजपा ने कांग्रेस को आईना दिखाया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2012 में 72 और 2013 में 67 तंकी मारे गए थे। जून 2014 में हम सत्ता में आए, इसके बाद 2014 में 110 आतंकी मारे गए। इसके अलावा 2015 में 108, 2016 में 150, 2017 में 217 और 2018 में अब तक 75 आतंकी मारे जा चुके हैं। गुलाब नबी आजाद आप हमारी और अपनी सरकार के बीच अंतर देख सकते हो।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'सैफुद्दीन सोज का बयान आपने देखा होगा, उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के प्रति नया प्रेम दिखाया है। मुझे बताया गया है कि कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा कर लिया है, लेकिन महज किनारा करने से काम नहीं चलेगा।' प्रसाद के बयान से साफ है कि भाजपा अब इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में है।
तारिक हमीद पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अपने विरोध के कारण कांग्रेस जिस रास्ते पर चली है, उसे देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। तारिक हमीद कारा की भाषा वही है, जो पाकिस्तान के आतंकवादियों की है। आजकल ऐसे लोगों को कांग्रेस में जगह मिल रही है। प्रसाद ने कहा है कि आज जो भाषा कांग्रेस पार्टी के नेता बोल रहे हैं, उसका समर्थन लश्कर-ए-तैयबा कर रही है। किस राजनीतिक लाभ के लिए आज कांग्रेस पार्टी देश को तोड़ने वालों के साथ खड़ी हो गई है? गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सेना कश्मीर में आतंकवादियों से ज्यादा आम जनता को मार रही है। उनकी यह टिप्पणी बहुत ही शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना है। प्रसाद ने कहा कि वोट के लिए राहुल गांधी किसी भी हद तक जा सकते हैं।
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि केंद्र सरकार की केंद्र की नीति का सबसे ज्यादा खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में चार आतंकियों को मारने के लिए 20 आम लोग को मार दिया जाता है। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते कहा कि सेना का एक्शन नागरिकों के खिलाफ ज्यादा और आंतकियों के खिलाफ कम है।