सर्जिकल स्ट्राइक को राहुल गांधी ने बताया था 'खून की दलाली', आतंकी होंगे खुश: रविशंकर
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने हम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस तरह के आरोप बताते हैं कि पार्टी एक फ्रिंज पार्टी बन रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। नई दिल्ली, जेएनएन। सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक की सत्यता पर सवाल उठाकर कांग्रेस पार्टी सेना का मनोबल गिरा रही है। इससे पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के हौसले बढ़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक को खून की दलाली कहा था। इनके नेताओं ने सेना प्रमुख के लिए शर्मनाक बयान दिए थे, जिनका ज़िक्र भी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या देश की सेना के मनोबल को गिराना ही कांग्रेस पार्टी का एक मात्र उद्देश्य बचा है?
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने हम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस तरह के आरोप बताते हैं कि पार्टी एक फ्रिंज पार्टी बन रही है। वह सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो की सत्यता पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसा करके कांग्रेस पार्टी सेना के मनोबल को गिराने का काम कर रही है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइल के मुद्दे पर भाजपा राजनीति कर रही है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या उत्तर प्रदेश, कर्नाटक या किसी अन्य चुनावों में हमने इस मुद्दे को उठाया? राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक को खून की दलाली कहा था। इनके नेताओं ने सेना प्रमुख के लिए शर्मनाक बयान दिए थे, जिनका ज़िक्र भी नहीं किया जा सकता है।'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर जो सवाल उठाए उसे सुनकर सबसे ज्यादा खुश पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी हुए। कांग्रेस को पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी संगठनों से प्रमाण पत्र मिलेगा जैसे पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद को लश्कर-ए-तैयबा से प्रमाणपत्र मिला।
29 सितंबर 2016 को जब भारतीय सेना के 30 जांबाज जवानों ने पीओके में लगभग तीन किमी घुसकर आतंकवादियों को ढेर किया गया था, तब भारतीयों का सीना गर्व से फूल गया था। लेकिन कांग्रेस और कुछ विपक्षी पार्टियां तब इस सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रही थीं। कुछ कांग्रेस नेताओं ने इसकी सत्यता पर भी सवाल उठाए थे। अब जब लगभग दो साल बाद सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सामने आ गया है, तब कांग्रेस पार्टी इसे पॉलिटिकल स्टंट बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक का भाजपा राजनीतिक फायदा उठा रही है। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। वीडियो रिलीज होने की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक पर सियासत
29 सितंबर, 2016 को मीडिया के सामने सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने की पुष्टि की गई थी। उस वक्त डीजीएमओ ने यह भी बताया था कि ऑपरेशन के बाद भारत ने पाकिस्तान के डीजीएमओ से बात की थी और यह साफ किया था कि भारत ऐसे ऑपरेशन को आगे जारी नहीं रखने वाला है। भारतीय सेना के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक का कदम केवल उड़ी अटैक का बदला लेने के लिए किया गया था। लेकिन इतना होने के बाद भी सर्जिकल स्ट्राइक को सियासी मुद्दा बनाया गया और जमकर सियासत भी हुई। कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दल ये मामने को तैयार ही नहीं थे कि मोदी सरकार के दौरान सर्जिकल स्ट्राइक की गई है। लेकिन वीडियो सामने आने के बाद अब यह साफ हो गया है कि उड़ी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय फौज ने आतंकियों के ठिकानों को तबाह करने के साथ पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया था। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 29 सितंबर 2016 को बड़ा एक्शन लेते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की थी