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रविशंकर प्रसाद बोले, कृषि कानून को लेकर लोगों को किया जाएगा जागरुक, किसानों को बताएंगे इसके फायदे

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो प्रमुख लोग आज कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं वे सिर्फ कानूनों का विरोध करने के लिए कर रहे हैं। उन्हें (किसानों) स्वयं पहले इन सुधारों की आवश्यकता को पहचानना होगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 04:34 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 04:34 PM (IST)
रविशंकर प्रसाद बोले, कृषि कानून को लेकर लोगों को किया जाएगा जागरुक, किसानों को बताएंगे इसके फायदे
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एएनआइ। पंजाब और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों के किसान नए कृषि कानून को विरोध कर रहे हैं। किसान इन तीन नए कानून को रद किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी के चलते पिछले दिनों केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। वहीं, आज केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो प्रमुख लोग आज कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे सिर्फ कानूनों का विरोध करने के लिए कर रहे हैं। उन्हें (किसानों) स्वयं पहले इन सुधारों की आवश्यकता को पहचानना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोगों को जागरुक करेंगे कि किसानों के लिए कृषि कानून कैसे फायदेमंद होंगे।  

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बता दें कि कृषि कानून को लेकर जो किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा उन्हें इन कानूनों को बारे में विस्तार से समझाने वाली है।  भाजपा अब जिला स्तर पर सांसद, विधायकों और कार्यकर्ताओं के माध्यम से जागरुक अभियान चलाने वाली है। इस अभियान में  कृषि कानून से जुड़ी हर एक छोटी- बड़ी बात किसानों और आम लोगों को बताई जाएगी।

वहीं, इसके पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं। जावड़ेकर ने कहा कि हम किसानों के विरोध को लेकर परिस्थितियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं और किसानों से बातचीत के दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं।

सिंघु बॉर्डर पर और तेज होने वाला है किसान आंदोलन

दिल्ली हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि प्रदर्शन को लेकर अभी और किसान पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ 500 और ट्रॉलियां 16 दिसंबर को सिंघू बॉर्डर पर पहुंचेंगी। प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा कि राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से सबसे अधिक किसान आ रहे हैं।


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