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रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर लगाया आरोप, आर्थिक मदद के एवज में चीन के सामने यूपीए सरकार ने टेके घुटने

कांग्रेस से सवाल पूछते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अब तक कांग्रेस ने ये नहीं बताया कि पार्टी-से-पार्टी का ये रिश्ता क्यों बना है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 06:05 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 01:35 AM (IST)
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर लगाया आरोप, आर्थिक मदद के एवज में चीन के सामने यूपीए सरकार ने टेके घुटने
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर लगाया आरोप, आर्थिक मदद के एवज में चीन के सामने यूपीए सरकार ने टेके घुटने

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जिस चीन को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है, उसी चीन और सत्ताधारी पार्टी के साथ संबंधों को लेकर भाजपा कांग्रेस को घेरने में जुट गई है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से एमओयू के बाद अब भाजपा ने आरोप लगाया है किचीनी दूतावास से राजीव गांधी फाउंडेशन को डोनेशन मिला था। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे चीन और कांग्रेस के साथ गुप्त संबंध का प्रमाण बताया, तो कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दल से सफाई मांगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस आर्थिक मदद के एवज में यूपीए सरकार ने चीन के सामने घुटने टेक दिए थे और व्यापारिक लाभ पहुंचाएं थे।

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रविशंकर प्रसाद ने राजीव गांधी फाउंडेशन की 2005-06 की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को पार्टनर और दिल्ली स्थित चीनी दूतावास को डोनर की सूची में दिखाया गया है। इसके साथ ही फाउंडेशन की 2006-07 के विदेशी सहायता की रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि उसे चीनी दूतावास से 90 लाख रूपये की आर्थिक सहायता मिली थी। 

राजीव गांधी फाउंडेशन का स्वरूप पूरी तरह से राजनीतिक था

रविशंकर प्रसाद ने विदेशी सहायता नियमन कानून 1976 का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत किसी भी राजनीतिक दल के लिए विदेशी सहायता लेने पर रोक है। यही नहीं, राजनीतिक स्वरूप का संगठन भी सरकार की अनुमति के बिना विदेश से धन नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन एक तरह से कांग्रेस का एक्सटेंशन था और इसका स्वरूप पूरी तरह से राजनीतिक था। ऐसे में यह सरकार की अनुमति के बिना विदेश से पैसा नहीं ले सकता है। प्रसाद ने कहा कि किसी भी सामान्य शैक्षणिक या सांस्कृतिक संगठन के लिए विदेश से आर्थिक मदद मिलने की स्थिति में सरकार को इसके स्रोत और इसके खर्च किये जाने की ब्यौरा देना अनिवार्य है।

रविशंकर प्रसाद ने सवाल उठाया कि किया चीन से पैसा लेने के पहले के पहले जरूरी अनुमति ली गई थी और यह बताया कि चीनी दूतावास से यह पैसा किन शर्तो पर प्राप्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि असल यह धन चीन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को प्रमोट करने के उद्देश्य से एक स्टडी कराने के लिए दिया गया था। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी से जवाब मांगा कि 'चीन के साथ इतना प्रेम क्यो बढ़ गया था। राजीव गांधी फाउंडेशन को चाइनीज एंबेसी पैसे क्यों दे रही थी।'


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