कैबिनेट की मंजूरी के बाद राशन दुकानों पर मिलेंगी सस्ती दालें
केंद्र राज्यों को थोक मूल्य के मुकाबले 15 रुपये प्रति किलो सस्ती दर पर दालें मुहैया कराएगा। 34 लाख टन से अधिक दाल बेचने की यह योजना एक बार के लिए है, जो स्टॉक खत्म होने तक अथवा सालभर चलेगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गरीबों को राशन प्रणाली पर सस्ती दाल देने का फैसला किया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बृहस्पतिवार की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके लिए केंद्र राज्यों को थोक मूल्य के मुकाबले 15 रुपये प्रति किलो सस्ती दर पर दालें मुहैया कराएगा। 34 लाख टन से अधिक दाल बेचने की यह योजना 'एक बार' के लिए है, जो स्टॉक खत्म होने तक अथवा सालभर चलेगी।
केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक और मूल्य हस्तक्षेप योजना के तहत कुल 45 लाख टन से अधिक दालें खरीदी हैं। जबकि 12 लाख टन आयातित दालें भी पड़ी हुई हैं। चालू खरीफ सीजन में दलहन फसलों का बुआई रकबा देखते हुए दालों की बंपर पैदावार का अनुमान है।
सरकार ने पहले ही दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अप्रत्याशित रूप से भारी वृद्धि की घोषणा कर रखी है। इसके चलते सरकार पर बढ़ी पैदावार वाली दालों की खरीद का दबाव बढ़ने का अनुमान है।
दालों से भरे गोदाम खाली करने के लिए सरकार ने घटे दामों पर दालें बेचने का एलान किया है। दालें राज्य सरकारों को बेची जाएंगी, जिनका उपयोग राशन प्रणाली के तहत गरीब उपभोक्ताओं के साथ अन्य कल्याणकारी योजनाओं में किया जा सकता है। आंगनबाड़ी और मिड-डे मील में इन सस्ती दालों का उपयोग किया जा सकता है। गोदामों को खाली करने के लिहाज से योजना एक बार के लिए शुरू की गई है।
केंद्र के पास उपलब्ध 34.88 लाख टन का स्टॉक ही बेचा जाएगा। इन दालों में चना, अरहर, मूंग और उड़द हैं। इनकी बिक्री का मूल्य जिंस बाजार के थोक मूल्य से 15 रुपये प्रति किलो कम होगा। दालों के सीमित स्टॉक होने की वजह से ही इसकी बिक्री 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर की जाएगी।
सरकारी खजाने पर इस योजना के लागू करने पर कुल 5,237 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। दाल बिक्री योजना की जानकारी केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने दी।
प्रसाद बृहस्पतिवार को पत्रकारों को कैबिनेट के फैसले की जानकारी देने आए थे। लगातार दो वर्षो से दालों की रिकार्ड पैदावार हुई है। सरकार ने मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीफ 2017 और रबी सीजन 2018 के दौरान बंपर खरीद की है। कुल खरीद 45.43 लाख टन की हुई थी।