छत्तीसगढ़ में जातिगत आरक्षण का आधार बनेगा राशनकार्ड, कैबिनेट की बैठक में लिया फैसला
कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ में राशनकार्ड के डेटाबेस को आधार मानते हुए आरक्षण के लिए डेटा तैयार किया जाएगा।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में जातिगत आरक्षण के लिए राशनकार्ड को आधार बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया। राज्य में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सर्वेक्षण के लिए गठित पटेल कमीशन को यही डाटा उपलब्ध कराया जाएगा।
बता दें कि राज्य में जातिगत आरक्षण में की गई बढ़ोतरी का मामला हाई कोर्ट में लंबित है। कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में वर्तमान में प्रचलित राशनकार्ड के डेटाबेस को आधार मानते हुए पटेल कमीशन के मार्गदर्शन में अद्यतन आरक्षण के लिए डेटा तैयार किया जाएगा। ताकि वर्गवार छूटे हुए लोगों का भी डेटा एकत्र हो सके। इस डेटा का ग्राम सभा व नगरीय निकायों की वार्ड सभाओं में अनुमोदन भी कराया जाएगा।
राशनकार्ड के लिहाज से 47.75 फीसद ओबीसी
ओबीसी बैठक में खाद्य विभाग के अफसरों ने 2003 से लेकर अब तक शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप समय-समय पर राशनकार्ड बनाने व उसके नवीनीकरण की प्रक्रिया के तहत एकत्र किया गया डाटा प्रस्तुत किया। डाटा को विश्वसनीय बताते हुए जानकारी दी गई कि राशनकार्ड में दर्ज सदस्यों की संख्या के लिहाज से ओबीसी वर्ग के सदस्यों की संख्या 47.74 फीसद है। वहीं, सामान्य वर्ग के सदस्यों की संख्या 8.18 फीसद है।
11 से 12 फीसद तक पहुंच सकता है सामान्य वर्ग का आंकड़ा
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में छूटे हुए लोगों के नए सिरे से राशनकार्ड बनाए जाएंगे। इससे सामान्य वर्ग के परिवारों की संख्या में वृद्धि की संभावना है। इससे सामान्य वर्ग का प्रतिशत 8.18 से बढ़कर 11-12 फीसद होने की उम्मीद है।
कैबिनेट की बैठक में फैसला, पटेल कमीशन को दिया जाएगा यही डेटा
- ग्राम सभा व नगरीय निकायों की वार्ड सभाओं में भी कराया जाएगा अनुमोदन
- राशन कार्ड बनवाने से वंचित रह गए सभी वर्ग के परिवारों को मिलेगा मौका
- राशन कार्ड बनाने ऑनलाइन व ऑफलाइन लिए जाएंगे आवेदन
- नया डेटाबेस का जनता भी कर सकेगी अवलोकन
- राशनकार्ड धारी परिवारों की सूची का होगा सार्वजनिक प्रकाशन
- ग्राम सभा व नगरीय निकाय के वार्डो में ली जाएंगी दावा