Move to Jagran APP

संघ ने भी खोला मोर्चा, चाइनीज सामान के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान का करेगा नेतृत्व

संघ ने देश में चीन निर्मित सामान के बहिष्कार के लिए चलाए जाने वाले अभियान का नेतृत्व करने का फैसला किया है। संघ ने सेना के बलिदानी वीर सपूतों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 06:02 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:02 AM (IST)
संघ ने भी खोला मोर्चा, चाइनीज सामान के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान का करेगा नेतृत्व
संघ ने भी खोला मोर्चा, चाइनीज सामान के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान का करेगा नेतृत्व

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत-चीन के बीच लगातार बढ़ रही तनातनी के बीच संघ ने एक महत्वपूर्ण बैठक कर सरकार को इस मुद्दे पर पूरा समर्थन देने के साथ देश में चीन निर्मित सामान के बहिष्कार के लिए चलाए जाने वाले अभियान का नेतृत्व करने का फैसला किया है। इस बैठक में संघ के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया। तीन दिवसीय यह बैठक सोमवार को ही समाप्त हुई है। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत भाग नहीं ले पाए।

loksabha election banner

चलाया जाएगा राष्‍ट्रव्‍यापी अभियान

सूत्रों के अनुसार बैठक में चीन के सामान का बहिष्कार करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। अभी तक चीनी सामान के विरुद्ध स्वदेशी मंच जैसे संगठन ही उठाते रहे हैं। समझा जा रहा है आने वाले दिन संघ के शीर्ष पदाधिकारी इस संबंध में अपने विचार लोगों के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। बैठक में संघ ने गलवन घाटी में बलिदान देने वाले 20 बहादुर सैनिकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

संघ ने जवानों की तारीफ की

इस अवसर पर भारतीय सेना की भूमिका की सराहना की गई। बैठक में केंद्र सरकार को कोरोना संबंधी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए फिर से शाखाएं शुरू करने पर विचार किया गया। हालांकि इस संबंध में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। बैठक में सुरेश भय्याजी जोशी, दत्तात्रेय होसबले, डा.कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी, रमेश पप्पा, रामलाल, अरुण कुमार, सुनील आंबेकर आदि उपस्थित थे।

महाराष्‍ट्र ने भी करार होल्‍ड किया

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की कायराना हरकतों को लेकर देशभर में गुस्‍सा देखा जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने चीन की तीन कंपनियों के साथ हुए करीब 5,000 करोड़ रुपये के करार पर यथास्थिति बनाए रखने की घोषणा की है। दूसरी ओर गोवा सरकार भी 1400 करोड़ की एक पुल निर्माण परियोजना की कंसल्टेंसी से चीनी फर्म को बाहर करने पर विचार कर रही है।

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने भी खोला मोर्चा

उधर, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने भी चीन से आयात होने वाले खेल उपकरणों के बहिष्कार की मांग की। महासंघ के महासचिव सहदेव यादव ने कहा कि हमें चीनी उपकरणों का बहिष्कार करना चाहिए। उन्‍होंने बताया कि महासंघ ने फैसला लिया है कि हम चीन में बने किसी उपकरण का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बताया जाता है कि महासंघ ने भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई को लिखे पत्र में इसकी सूचना दे दी है।

कैट ने मांगा मुख्‍यमंत्रियों का साथ

इससे पहले कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार अभियान में मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों का समर्थन मांगा है। इस संबंध में देशव्यापी 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान' के तहत फिल्मी और क्रिकेट सितारों से चीनी सामान का विज्ञापन न करने के कैट के आह्वान का असर दिखने लगा है। क्रिकेटर हरभजन सिंह ने किसी भी चीनी ब्रांड का विज्ञापन न करने की घोषणा की है।

इंदौर में ट्रांसपोर्टरों ने बंद कराई बुकिंग

मध्‍य प्रदेश के इंदौर में ट्रांसपोर्टरों ने चीन में बने सामान को बुक करना बंद कर दिया है। राजगढ़ में एक व्यापारी ने एक कंपनी की एजेंसी इसलिए छोड़ दी कि कंपनी चीनी माल भेजती थी। बता दें कि के बालाघाट जिले में भरवेली मॉयल लिमिटेड में कार्यरत चीनी कंपनी चायना कोल नंबर-3 को भारतीय मजदूरों को काम पर नहीं रखने के कारण बंद करा दिया गया है। चीनी कंपनी ने 265 करोड़ में ठेका लिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.