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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच दौड़ेगी रैपिड रेल, केंद्र सरकार ने प्रोजेक्‍ट को दी मंजूरी

सरकार ने दिल्ली से गाजियाबाद और मेरठ के बीच 82.15 किलोमीटर लंबे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 07:16 AM (IST)
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच दौड़ेगी रैपिड रेल, केंद्र सरकार ने प्रोजेक्‍ट को दी मंजूरी
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच दौड़ेगी रैपिड रेल, केंद्र सरकार ने प्रोजेक्‍ट को दी मंजूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने दिल्ली से गाजियाबाद और मेरठ के बीच 82.15 किलोमीटर लंबे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस क्षेत्रीय दु्रत रेल परियोजना पर 30,274 करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने मंगलवार को इसे हरी झंडी दिखा दी।

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आरआरटीएस की कुल लंबाई में 68.03 किलोमीटर हिस्सा खंभों पर यानी एलीवेटेड, जबकि 14.12 किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत अर्थात अंडरग्राउंड होगा। इस पर आने वाली लागत में 5634 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सरकार अनुदान और कर्ज के तौर पर प्रदान करेगी।

देश में अपने तरह की इस पहली परियोजना के तहत हाईस्पीड रेल ट्रांजिट प्रणाली की स्थापना की जाएगी। चालू होने पर यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर में परिवहन का सर्वाधिक तीव्र, आरामदायक और सुरक्षित साधन साबित होगा। इसे सड़क तथा हवाई यातायात के अन्य साधनों के साथ जोड़ने के लिए उपयुक्त इंतजाम किए जाएंगे। इसके बनने से समाज के हर आय और आयु वर्ग के लोगों को सहूलियत होगी।

परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) के नाम से एक विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) का गठन किया जाएगा। इस संयुक्त उद्यम कंपनी में केंद्र तथा राज्य सरकारों की बराबर इक्विटी भागीदारी होगी। परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय के मार्फत बहुपक्षीय एजेंसियों से कर्ज लेने का भी प्रस्ताव है।

आरआरटीएस के बनने व चालू होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण इजाफा होगा। इसके बनने पर दिल्ली से गाजियाबाद और मेरठ के बीच सड़क और रेल यातायात में जाम की समस्या का काफी हद तक समाधान होने की उम्मीद है। इससे वायु प्रदूषण में कमी के साथ क्षेत्र के संतुलित विकास में मदद मिलेगी।

सौर ऊर्जा 
किसानों की बंजर जमीन का सौर ऊर्जा में इस्तेमाल करने के लिए सरकार ने किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान कुसुम को भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए केंद्र सरकार कुल 34,422 करोड़ रुपये की सहायता देगी। इससे वर्ष 2022 कर भारत की 25.75 गीगावॉट (जीडब्लू) की सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता हो जाएगी। इससे किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा भी मिलेगी।

पीजीआइएमईआर चंडीगढ़ को जमीन हस्तांतरण मंजूर
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सारंगपुर की 50.76 एकड़ जमीन चंडीगढ़ स्थित पोस्टग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रीसर्च (पीजीआइएमईआर) को हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी है। इससे एक छत के नीचे ओपीडी मरीजों की जांच, कैंसर मैनेजमेंट रीसर्च और अन्य इलाज एक ही छत के नीचे हो सकेंगे। इसके अलावा, यहां लर्निग रिसोर्स सेंटर (एनआरसी) और मल्टीलेवल पार्किग भी बनेगी।

मत्स्य विभाग के सचिव व संयुक्त सचिव को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवगठित मत्स्य मंत्रालय के एक सचिव और एक संयुक्त सचिव के पद को मंजूरी दे दी है। सचिव के एक पद का स्तर 17 होगा। उनका वेतन 2,25,000 रुपये (फिक्स्ड) होगा। जबकि संयुक्त सचिव का स्तर 14वां और वेतन 1,44,200-2,18,200 रुपये के बीच होगा।

छात्रों पर भारत-ओईसीडी समझौता मंजूर
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और आर्थिक सहयोग व विकास संगठन (ओईसीडी) के बीच समझौते को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मूल्यांकन के लिए कार्यक्रम (पीसा) शुरू होगा। पीसा वर्ष 2021 में ओईसीडी का आयोजन कराएगा। इस समझौते से सीबीएसई और एनसीईआरटी की प्रक्रिया इसका हिस्सा होंगे।


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