दिल्ली सरकार के ताजा रुख से रैपिड रेल के अधर में लटकने का खतरा
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र के लोगों की दिल्ली में बढ़ती आबादी की सुविधा के लिए यह परियोजना शुरु की गई है
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी रैपिड रेल परियोजना में दिल्ली सरकार ने फिर एक बार पलीता लगा दिया है, जिससे परियोजना के अधर में लटकने का खतरा पैदा हो गया है। दिल्ली सरकार ने केंद्र से परियोजना में अपनी वित्तीय हिस्सेदारी तक से हाथ पीछे खींच लिया है। परियोजना में कई संशोधन और बदलाव के उसके प्रस्ताव से मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। दिल्ली के सराय काले खां में प्रस्तावित ओवर ग्राउंड मल्टी मॉडल हब को अब अंडर ग्राउंड करने का दवाब बनाया जा रहा है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के मुताबिक इस एक संशोधन से ही परियोजना की लागत में 4500 करोड़ रुपये की वृद्धि हो जाने का अनुमान है। पुरी ने यह जानकारी जागरण में एक अनौपचारिक बातचीत में दी। इससे न तो परियोजना समय पर पूरी हो पायेगी और न रैपिड रेल का किराये में किसी तरह की रियायत दी जा सकती है। इसका दबाव यात्रियों की जेब पर पड़ेगा। पुरी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विस्तृत पत्र लिखकर परियोजना को अपने पूर्व रूप में ही क्रियान्वित करने का आग्रह किया है।
शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को पत्र लिखकर राज्य सरकार के ताजा रुख पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इससे जहां परियोजना के समय से पूरा होना मुश्किल हो जाएगा, वहीं इसकी लागत में भारी वृद्धि हो जाएगी। इसका बोझ उपभोक्ताओं को बढ़े किराये के रुप में भुगतना होगा। दिल्ली सरकार के संशोधन के प्रस्ताव से पूरी परियोजना के अधर में लटकने का खतरा पैदा हो गया है।
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र के लोगों की दिल्ली में बढ़ती आबादी की सुविधा के लिए यह परियोजना शुरु की गई है। इसके तहत दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ, दिल्ली से सोनीपत होते हुए पानीपत और दिल्ली से अलवर के बीच रैपिड रेल परियोजना शुरु करने की योजना है। लागत में आधी-आधी हिस्सेदारी के आधार पर बनने वाली मेरठ परियोजना में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सहमति भेज दी है। लेकिन दिल्ली की आप सरकार ने परियोजना में पलीता लगा दिया और सहमति तो दूर कह दिया पैसा नहीं है। इतना ही नहीं, परियोजना के फाइनल मसौदे में भी संशोधन की टांग अड़ा दी है।
सराय काले खां दिल्ली का बहुत व्यस्त स्टेशन और अंतरराज्यीय बस अड्डा है। यहां से रोजाना लगभग 60 हजार यात्री आते और जाते हैं। इसके मद्देनजर सराय काले खां को मल्टी माडल हब के रूप में विकसित करने का प्लान है, जिससे रोड, रेल, मेट्रो और रैपिड रेल एक दूसरे से स्काई रुट से जोड़ना है। प्रस्तावित परियोजना में इसकी क्षमता रोजाना 97 हजार यात्रियों की है। सभी तरह के यातायात के साधन यहां मुहैया होंगे।