Move to Jagran APP

बरकरार रह सकता है पूर्व केंद्रीय मंत्री निशंक का मौजूदा बंगला, जानें क्या है वजह

नई शिक्षा नीति को सर्वसम्मति के साथ लागू करवाने में सफल रहे निशंक ने स्वास्थ्य के आधार पर पद से इस्तीफा दिया था। निशंक पद से हटने के बावजूद टाइप आठ श्रेणी के बंगले की योग्यता रखते हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 05:53 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 08:08 PM (IST)
बरकरार रह सकता है पूर्व केंद्रीय मंत्री निशंक का मौजूदा बंगला, जानें क्या है वजह
पूर्व मुख्यमंत्री के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के नाते है उनकी पात्रता

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मोदी कैबिनेट में बदलाव के बाद लुटियंस जोन के बंगलों में भी बदलाव की कवायद तेज हो गई है। कैबिनेट में शामिल किए गए नए मंत्रियों को नए बंगले आवंटित कर दिए गए हैं। जिन चेहरों को कैबिनेट मंत्री पद से मुक्त किया गया है उन्हें अपेक्षाकृत छोटे बंगलों में जाना होगा। उन्हें नोटिस भी भेजा जा चुका है। लेकिन निशंक अपवाद होंगे। वे पद से हटने के बावजूद टाइप आठ श्रेणी के बंगले की योग्यता रखते हैं। ऐसे में नए कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को संभवत: किसी और बंगले की तलाश करनी पड़ेगी।

loksabha election banner

नई शिक्षा नीति को सर्वसम्मति के साथ लागू करवाने में सफल रहे निशंक ने स्वास्थ्य के आधार पर पद से इस्तीफा दिया था। बताते हैं कि इस्तीफे में ही उन्होंने इसका भी जिक्र किया था कि डाक्टरों की सलाह पर वे कुछ महीने काम करने में असमर्थ हैं और नहीं चाहते हैं कि शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में कोई देरी हो।

बहरहाल, एक नियम यह भी है कि टाइप आठ के बंगले में केंद्रीय मंत्री ही रहते हैं। निशंक इससे परे हैं क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री में से जो दो पदों पर रहें है, वे भी टाइप आठ के पात्र हैं। इसके साथ ही जो आठ बार के सांसद हैं, वे टाइप आठ के बंगलों में रहने के पात्र है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष या फिर चार से सात बार के जो सांसद हैं, वे टाइप सात के बंगलों के लिए पात्र है। हालांकि बंगलों का आवंटन उनकी उपलब्धता के आधार पर तय होता है। मौजूदा समय में लुटियंस जोन में बंगलों की भारी कमी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.