बढ़ती जनसंख्या पर बाबा रामदेव ने जाहिर की चिंता, कहा- तीसरे बच्चे को ना मिले वोट का अधिकार
बाबा रामदेव ने एक बार फिर बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की है। साथ ही मांग की है कि सरकार तीन बच्चे होने पर कानून बनाए।
हरिद्वार, एएनआइ। योग गुरू बाबा रामदेव ने एक बार फिर बढ़ती जनसंख्या को लेकर चिंता जाहिर की है। बाबा रामदेव ने रविवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि जनसंख्या को नियंत्रण में करने के लिए सरकार को कानून लाना चाहिए। रामदेव ने कहा कि सरकार के ऐसा कानून बनाना चाहिए की किसी भी परिवार में तीसरा बच्चा जन्म लेता है तो उस बच्चे को वोट करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए।
इसी के साथ उन्होंने देश में शराब की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या अगले 50 वर्षों में 150 करोड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए क्योंकि हम उसके लिए तैयार नहीं हैं। यह केवल तभी संभव है जब सरकार एक कानून बनाती है कि तीसरे बच्चे को वोट देने की अनुमति नहीं होगी, न तो चुनाव लड़ें और न ही वह सरकार द्वारा दिए गए किसी भी प्रकार के विशेषाधिकारों और सुविधाओं का आनंद लें सके।
बाबा रामदेव ने कहा कि जो लोग मांस खाना चाहते हैं, उनके लिए कई अन्य प्रकार के मांस हैं। जिन्हें वे खा सकते हैं। साथ ही उन्होंने शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी दबाव डाला। बाबा रामदेव ने कहा कि इस्लामिक देशों में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।" अगर इस्लामिक देशों में इस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है तो भारत में क्यों नहीं? यह ऋषियों की भूमि है। भारत में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए।
यूएनओ की संस्था यूएनएसडीजी (यूनाइटेड नेशन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल) में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को दिया है। भारत में यह सम्मान आचार्य बालकृष्ण महाराज को दिया गया है। बाबा रामदेव ने इस पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और पारंपरिक भारतीय तरीकों से जीवन शैली की बीमारियों का इलाज कैसे किया जा सकता है, इसके लिए पतंजलि ने योगदान दिया है। इस वजह से आचार्य बालकृष्ण को UNSDG द्वारा सम्मानित किया गया। हमें इसपर बहुत गर्व है।
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