रामदेव बोले- दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों से छीन लिया जाए वोट डालने का अधिकार
Baba Ramdev ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जो भी दो से ज्यादा बच्चे पैदा करे, उससे वोट देने का आधिकार, सरकारी नौकरी और इलाज की सुविधा छीन लेनी चाहिए, चाहें वो हिन्दू हो या मुस्लिम।
अलीगढ़(जेएनएन)। योग गुरु रामदेव (Ramdev) का मानना है कि एक अरब से अधिक जनसंख्या वाले देश में जनसंख्या को नियंत्रित (Population Control) करना प्राथमिकता होनी चाहिए। यूपी के अलीगढ़ में उन्होंने सलाह दी कि जिसके भी दो से ज्यादा बच्चे हों, उनसे मताधिकार छीन लिया जाए।
रामदेव ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जो भी दो से ज्यादा बच्चे पैदा करे, उससे वोट देने का आधिकार, सरकारी नौकरी और इलाज की सुविधा छीन लेनी चाहिए, चाहें वो हिन्दू हो या मुस्लिम। तभी जनसंख्या नियंत्रित होगी। यह पहली बार नहीं है कि रामदेव ने ऐसी टिप्पणी की है।
पिछले साल उन्होंने कहा था कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं, उनके बच्चे को सरकारी स्कूल में दाखिला नहीं दिया जाना चाहिए, सरकार अस्पताल में ईलाज की सुविधा और सरकारी नौकरी नहीं दी जानी चाहिए। रामदेव ने कहा था कि उनके जैसे लोग जिन्होंने शादी नहीं की उन्हें विशेष सम्मान मिलना चाहिए।
मोदी को नफा-नुकसान समझ लेना चाहिए
योगगुरु बाबा रामदेव हिंदुत्व के मुद्दे पर केंद्र सरकार के रवैये से कुछ तल्ख दिखे। राममंदिर व धारा 370 जैसे मुद्दों पर कहा कि पीएम मोदी को इनका नफा-नुकसान समझ लेना चाहिए। वह वजीर हैं, हम फकीर हैं। हम सिर्फ कह सकते हैं, जनता की भावनाओं को उन्हें समझना चाहिए। हालांकि, उन्होंने मोदी की तारीफ भी की और उन्हें जबर्दस्त बताया। वह यहां स्वर्ण जयंती नगर में पतंजलि के शोरूम परिधान का शुभारंभ करने आए थे।
मीडिया से बातचीत में बाबा राजनीतिक सवालों पर बचते रहे। कहा, वह संन्यासी बनकर स्वदेशी के माध्यम से देश सेवा कर रहे हैं। मोदी देश को अच्छा चला रहे हैं। विदेश से काला धन नहीं आया, जिसके खिलाफ आप मुखर होकर पिछली सरकारों में बोलते थे? राममंदिर के लिए दिल्ली में सैलाब जुटा लिया था, मगर मोदी सरकार अध्यादेश नहीं लाई? धारा -370 भूल गए, 35 ए पर चुप्पी साध ली। फिर जनता मोदी पर कैसे विश्वास करेगी? इन सवालों पर घिरे योगगुरु ने कहा कि फिर तो भाई नफा-नुकसान प्रधानमंत्री को समझ लेना चाहिए।
असाध्य संतों को ही पेंशन दिए जाने की पैरवी की
हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की तैयारियों पर मोदी को जबर्दस्त बताया। कहा कि इस समय देश में राजनीतिक असहिष्णुता शिखर पर है। बाबा को राजनीति पर मत बुलवाओ। चर्चाएं होती हैं कि योगगुरु कारपोरेट होते जा रहे हैं? इस सवाल पर कहा, वह देश की सेवा कर रहे हैं। स्वदेशी के माध्यम से 11 हजार करोड़ रुपये सेवा कार्य में लगा चुके हैं। बाबा ने कहा कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हों, उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। राशन कार्ड नहीं बनना चाहिए। उन्होंने असाध्य संतों को ही पेंशन दिए जाने की पैरवी की।
जन्म से सब शूद्र हैं
योग गुरु रामदेव ने सभी को शूद्र कहकर एक नई बहस छेड़ दी। सीएम योगी आदित्यनाथ के हनुमानजी को दलित कहने के सवाल पर पहले कहा कि भगवान की कोई जाति नहीं होती। फिर बोले, देखिए जन्म से तो सभी शूद्र हैं। कर्म के अनुसार जाति तय होती है।