भाजपा संसदीय दल की बैठक में छाया रहा राम मंदिर निर्माण की मांग का मुद्दा
संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मौजूद नहीं थे। शीर्ष नेतृत्व के रूप में राजनाथ सिंह मौजूद थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जहां किसान ऋण माफी को बड़ा मुद्दा माना जाने लगा है, वहीं भाजपा के अंदर एक वर्ग राम मंदिर निर्माण की मांग को धार देने लगा है। मंगलवार को पहली बार भाजपा संसदीय दल की बैठक में यह मांग उठी। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से उन्हें तत्काल धैर्य की सलाह देकर चुप करा दिया गया।
राम मंदिर को लेकर संघ परिवार और संत समाज ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है। खुद सरसंघचालक मोहन भागवत की ओर से कानून लाने की मांग की गई है। भाजपा के कई प्रतिनिधि भी स्वतंत्र रूप से ऐसी मांग करते रहे हैं, लेकिन मंगलवार को औपचारिक बैठक मे ऐसी मांग आई। मंगलवार की संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मौजूद नहीं थे। शीर्ष नेतृत्व के रूप में राजनाथ सिंह मौजूद थे।
उन्होंने सदस्यों से कहा कि कांग्रेस और विपक्ष चाहे जितना भी उत्साहित हो ले, लेकिन उनके पास मोदी के सामने कोई चेहरा नहीं है। हमारी सरकार हर वर्ग की खुशहाली के लिए काम कर रही है। हमारे प्रतिनिधियों को जनता से जुड़े होने की जरूरत है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सरकार को मिली क्लीन चिट और कांग्रेस का हताशा के बारे मे बताया। सदस्यों से जनता तक जाकर इसकी सच्चाई बताने का भी आग्रह किया। उन्होंने तीन तलाक विधेयक के बारे में भी जानकारी दी।
इसी बीच कम के कम दो सदस्यों- राम नारायण राजभर और रविंद्र कुशवाहा ने उठकर पूछा - राम मंदिर बनेगा? राजनाथ ने तत्काल जवाब दिया- धैर्य रखिए। जाहिर है कि सदस्यों को पूरा जवाब नहीं मिला।
सूत्रों की मानी जाए तो भाजपा कोई जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती है। खुद भाजपा अध्यक्ष की ओर से बार बार कहा गया है कि राम मंदिर बनेगा, लेकिन कानून की राह लेने से पहले हर खंभा दुरुस्त कर लिया जाएगा।