राम मंदिर पर VHP की दो टूकः SC के फैसले का इंतजार संभव नहीं, तुरंत अध्यादेश लाए सरकार
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर विश्व हिंदु परिषद ने फिर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बजाय सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की।
By Vikas JangraEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 12:13 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 12:59 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। अयोध्या में राम मंदिर को लेकर विश्व हिंदु परिषद ने फिर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बजाय सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की। परिषद की ओर से कहा गया कि विश्व हिंदू परिषद का स्पष्ट मत है कि न्यायालय के निर्णय का इंतजार नहीं किया जा सकता इसीलिए सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत अध्यादेश लाना चाहिए। गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है, उसके बाद ही अध्यादेश लाने के बारे में विचार किया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने कहा, 'सभी पहलुओं के समग्र चिंतन के बाद विश्व हिंदू परिषद का यह स्पष्ट मत है कि हिंदू समाज अनंत काल तक न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा नहीं कर सकता। हमारी ये समझ है कि उचित मार्ग ये होगा कि संसद द्वारा कानून बनाकर भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का मार्ग अभी प्रशस्त किया जाए।'
उन्होंने कहा, 'परिषद अपनी इस मांग के पूरा होने तक लगातार जन जागरण करती रहेगी। इसमें आगे कौन से कदम उठाये जाएंगे, इस संबंध में 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रयागराज में कुंभ के मौके पर धर्म संसद होगी और पूज्य संत हमारे लिए निर्णय करेंगे कि इस मांग को पूरा कराने के लिए और कौन से कदम उठाए जाएंगे।'
पीएम मोदी ने कहा- SC के फैसले के बाद सोचेंगे अध्यादेश पर
गौरतलब है कि मंगलवार को एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह मामला कोर्ट में लंबित है, इसीलिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही इस पर सरकार विचार करेगी।'
संसद का आखिरी पूर्ण सत्र
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण सत्र है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि विश्व हिंदू परिषद को अब भाजपा का स्टैंड साफ हो चुका है, ऐसे में हिंदूवादी संगठन राम मंदिर के लिए सरकार पर दबाव बनाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते।
विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने कहा, 'सभी पहलुओं के समग्र चिंतन के बाद विश्व हिंदू परिषद का यह स्पष्ट मत है कि हिंदू समाज अनंत काल तक न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा नहीं कर सकता। हमारी ये समझ है कि उचित मार्ग ये होगा कि संसद द्वारा कानून बनाकर भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का मार्ग अभी प्रशस्त किया जाए।'
उन्होंने कहा, 'परिषद अपनी इस मांग के पूरा होने तक लगातार जन जागरण करती रहेगी। इसमें आगे कौन से कदम उठाये जाएंगे, इस संबंध में 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रयागराज में कुंभ के मौके पर धर्म संसद होगी और पूज्य संत हमारे लिए निर्णय करेंगे कि इस मांग को पूरा कराने के लिए और कौन से कदम उठाए जाएंगे।'
पीएम मोदी ने कहा- SC के फैसले के बाद सोचेंगे अध्यादेश पर
गौरतलब है कि मंगलवार को एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह मामला कोर्ट में लंबित है, इसीलिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही इस पर सरकार विचार करेगी।'
संसद का आखिरी पूर्ण सत्र
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण सत्र है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि विश्व हिंदू परिषद को अब भाजपा का स्टैंड साफ हो चुका है, ऐसे में हिंदूवादी संगठन राम मंदिर के लिए सरकार पर दबाव बनाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते।
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