भाजपा की चुनाव आयोग से मांग, जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द हो विधानसभा चुनाव
राम माधव ने श्रीनगर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने चुनाव आयोग से राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने को कहा है।
श्रीनगर, एएनआइ। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने जम्मू कश्मीर में चुनाव के मामले पर श्रीनगर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने चुनाव आयोग से राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने को कहा है। राम माधव ने कहा कि हमारी पार्टी को लोकसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। उन्होंने भरोसा जताया कि भाजपा जम्मू और लद्दाख की सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी।
भाजपा को जम्मू-कश्मीर के लोकसभा चुनावों में 2014 के लोकसभा चुनाव में मिले नतीजों से बेहतर नतीजे मिलने की उम्मीद है। माधव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि घाटी में पार्टी उम्मीदवारों के साथ ही चुनावी तैयारियों की समीक्षा की गई है।
बता दें कि पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि जम्मू और कश्मीर में लोक सभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव घोषित हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इसके पहले चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने की संभावनाएं तलाशने के लिए पर्यवेक्षकों की टीम भी भेजी थी जिसके बाद से एक बार फिर श्री अमरनाथ यात्रा से पहले जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं, जिसके चलते संसदीय चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव न होने के कारण मायूस हुए राजनीतिक दल एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं और नए राजनीतिक समीकरण बनाने के भी प्रयास करने लगे हैं।
मार्च के पहले सप्ताह जब देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए थे तो उस समय कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित सभी राजनीतिक दलों ने संसदीय चुनावों के साथ ही विधानसभा चुनाव करवाने की भी वकालत की थी। भारतीय जनता पार्टी ने उस समय इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जरूर कहा था कि भाजपा हर प्रकार के चुनावों के लिए तैयार है।
उस समय राज्य के राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा होने लगी कि दोनों चुनाव एक साथ होने की घोषणा हो सकती है। दस मार्च को जब मुख्य चुनाव आयुक्त ने देश में आम चुनाव करवाने की घोषणा की तो जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात का हवाला देते हुए दोनों चुनाव एक साथ नहीं करवाने की जानकारी दी। इस पर जम्मू-कश्मीर में तीखी प्रतिक्रिया हुई।