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राम गोपाल यादव की मांग, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बुलाया जाए आपातकालीन सत्र

सरकार द्वारा बार-बार कहा जा रहा है कि यह कानून भारतीय मुस्लमानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होने देगा।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 04:18 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 04:18 PM (IST)
राम गोपाल यादव की मांग, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बुलाया जाए आपातकालीन सत्र
राम गोपाल यादव की मांग, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बुलाया जाए आपातकालीन सत्र

नई दिल्ली, एएनआइ। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोल रखा है। अब समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा, 'मैं मांग करता हूं कि संसद का एक आपातकालीन सत्र बुलाया जाए, नागरिकता संशोधन कानून में एक संशोधन किया जाए ताकि यह देखा जा सके कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है या इस कानून को रद्द कर दिया जाना चाहिए।' बता दें कि इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और सभी धर्मों और सभी धर्मों के लोगों का इस देश में एक स्थान है।

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हालांकि, यहां यह बात साफ कर दें कि सरकार द्वारा बार-बार कहा जा रहा है कि यह कानून भारतीय मुस्लमानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होने देगा। वहीं, सोमवार को सुबह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, सैयद घयोरुल हसन रिज़वी ने भी यह साफ कर दिया था कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि विरोध करना ही है तो इसे शांतिपूर्वक किया जाना चाहिए।

बता दें कि पिछले सप्ताह संसद के दोनों सदनों द्वारा सीएए पारित किए जाने के बाद देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। असम और प.बंगाल के बाद यह प्रदर्शन की आग दिल्ली भी पहुंची, जहां जामिया मिलिया इस्लामिया में जमकर बवाल हुआ। आस-पास के इलाके में भी हालात खराब हो गए। आगजनी हो गई। पुलिस और छात्रों के बीच झगड़ें की कई वीडियो भी सामने आई।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुए कथित हिंसक प्रदर्शनों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने वकील इंदिरा जयसिंह की याचिका पर कहा कि वह हिंसा समाप्‍त होने के बाद कल मामले की सुनवाई कर सकता है। शीर्ष आदलत ने कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हम कानून व्‍यवस्‍था को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दे सकते हैं।


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