राज्यसभा में नायडू ने सरकार और विपक्ष को आपस में बातचीत करते रहने की दी सलाह
वैंकेया नायडू ने सदन के लंबित बिलों की भी सभी को याद दिलाई और कहा कि इसके लिए सरकार और विपक्ष को नए सिरे से चर्चा शुरू करनी चाहिए। दोनों को ही इसे लेकर गंभीर रूख दिखाना चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। राज्यसभा सभापति वैंकेया नायडू ने शुक्रवार को लंबित बिलों को पारित कराने का सदन को एक नया मंत्र दिया। उन्होंने इसके लिए सरकार और विपक्ष दोनों को लगातार आपसी बातचीत जारी रखने की सलाह दी। कहा कि यह औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह की होनी चाहिए। नायडू ने इस दौरान सदन के शांतिपूर्ण संचालन को लेकर खुशी जताई और कहा कि उच्च सदन को उच्च मापदंड कायम करने चाहिए।
नायडू शुक्रवार को शून्य काल में जल संरक्षण और पर्यावरण जैसे विषयों पर हुई सफल चर्चा के लिए सदस्यों को धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि सदन ऐसे ही और भी गंभीर विषयों पर सार्थक चर्चा करेंगे। उन्होंने इस दौरान सदन के लंबित बिलों की भी सभी को याद दिलाई और कहा कि इसके लिए सरकार और विपक्ष को नए सिरे से चर्चा शुरू करनी चाहिए। दोनों को ही इसे लेकर गंभीर रूख दिखाना चाहिए। बातचीत करनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री को इसके लिए पहल करनी चाहिए।
नायडू ने बताया कि सदन में करीब 32 से ज्यादा बिल लंबित है। इनमें से बहुत से ऐसे बिल भी है, जो पिछली सरकार के कार्यकाल के भी है। ऐसे में सभी को एकजुट होकर इसके निपटारे को कोशिश करनी चाहिए। अन्यथा यह सदन के रिकार्ड में दर्ज ही रहेगा। आने वाले लोग इसे लेकर सवाल खड़ा करेंगे। तब यह भी पूछा जाएगा, कि उस समय कौन सदन का नेता था और कौन विपक्ष का नेता था।
सदन में लंबित बिलों को लेकर नायडू ने पिछले दिनों भी सदन में चिंता जताई थी। साथ ही ऐसे नियम बनाने की वकालत की थी, जिसमें पांच साल पुराने सभी लंबित बिल स्वत: ही रद्द हो जाए। लोकसभा में मौजूदा समय में ऐसी ही व्यवस्था है,जहां लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही सभी लंबित बिल स्वत: निष्प्रभावी हो जाते है।