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उपसभापति हरिवंश ने जूस पीकर तोड़ा एक दिन का उपवास, विपक्षी सांसदों के अनियंत्रित व्यवहार से हैं आहत

Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh breaks his one day fast कृषि विधेयक पारित होने के दौरान राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने उपसभापति के साथ अनियंत्रित व्यवहार किया था जिससे आहत हो उन्होंने एक दिन का उपवास रखा था।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 08:35 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:49 AM (IST)
उपसभापति हरिवंश ने जूस पीकर तोड़ा एक दिन का उपवास, विपक्षी सांसदों के अनियंत्रित व्यवहार से हैं आहत
उपसभापति हरिवंश ने तोड़ा एक दिन का उपवास

नई दिल्ली, एएनआइ। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने बुधवार को अपना एक दिन का उपवास तोड़ा। जदयू लोकसभा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जूस पिलाकर उपसभापति का उपवास तोड़वाया। रविवार (20 सितंबर) को कृषि विधेयक पारित होने के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा सदन में अनियंत्रित व्यवहार से आहत हरिवंश ने एक दिन का उपवास रखा था। 

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सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा, 'हरिवंश जी 36 घंटे से उपवास पर थे। सोमवार रात से ही उन्होंने कुछ नहीं खाया था। राज्यसभा उपसभापति के तौर पर वे अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे थे। लोकतंत्र में हर चीज की निश्चित प्रक्रिया होती है और नियमों और कानूनों के तहत हर किसी को अपने अधिकार के लिए आवाज उठाने का अधिकार है। यदि विपक्ष या कोई और यह सोचता है कि वे जो चाहे वो कर सकते हैं तो यह संभव नहीं है। यदि सा होता है तो यह गलत होगा।' 

उन्होंने आगे कहा कि निलंबित सांसदों को उपसभापति के बारे में एक बार सोचना चाहिए जिनका उपवास पर जाने का फैसला उनकी महानता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, 'किस रुलबुक में लिखा है कि आप उपसभापति को धमका सकते हैं उनपर कागज फेंके। निलंबित सांसदों को इस बारे में विचार करने की आवश्यकता है। उपसभापति का उन सांसदों के पास चाय लेकर जाना उनके महान व्यक्तित्व का उदाहरण है। ' 

हरिवंश ने मंगलवार को 24 घंटे का उपवास इस उम्मीद में रखा कि निलंबित सांसदों को अपनी गलती का अहसास होगा। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 20 सितंबर को पत्र लिखकर इस बारे में बताया और कहा कि वे सांसदों के इस व्यवहार से काफी आहत हुए। 

राज्‍यसभा में लगातार जारी है हंगामा

रविवार की घटना के बाद से सदन सुचारू रूप से नहीं चल सका है। हालांकि मंगलवार को सरकार ने सात विधेयक उच्‍च सदन से पास करा लिए। विपक्षी सांसदों का कहना है कि अगर नए कृषि विधेयकों पर उनकी तीन मांगें केंद्र सरकार द्वारा पूरी नहीं की जाती हैं तो वह संयुक्त रूप से सत्र का बहिष्कार करेंगे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जब तक विपक्ष की मांगें पूरी नहीं होंगी, वो सत्र का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने मंगलवार को कहा कि जब तक हमारे सांसदों के बहिष्कार को वापस नहीं लिया जाता और किसान के विधेयकों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता, विपक्ष सत्र का बहिष्कार करेगा।


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