Criminal cases on MPs: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की दो- टूक, संसद सत्र के दौरान सांसदों को गिरफ्तारी से कोई छूट नहीं
MPs from Arrested in Criminal Case उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सदन में स्पष्ट किया कि सांसदों को सत्र के दौरान या अन्यथा किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार किए जाने से कोई छूट नहीं है ।
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद सत्र के नाम पर जांच एजेंसियों के समन से बचने की कोशिश करने वाले माननीयों को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने स्पष्ट संदेश दिया है। शुक्रवार को उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि संसद सत्र के दौरान आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी या पूछताछ से सांसदों को कोई छूट नहीं मिली है। सांसद पूछताछ के लिए जांच एजेंसियों के समन को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने ईडी द्वारा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर उनका अपमान बताते हुए हंगामा किया। कई सदस्य आसन के सामने तक आ गए थे। इसके चलते सदन की कार्यवाही सुबह 11.30 बजे तक लगभग आधे घंटे बाधित रही।
कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो नायडू ने कहा कि सदस्यों के बीच यह गलत धारणा है कि संसद सत्र के दौरान जांच एजेंसियों के किसी भी तरह कार्रवाई से उन्हें विशेषाधिकार मिला हुआ है।
सभापति ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत सदस्यों को कुछ विशेषाधिकार मिले हैं, ताकि वह अपना कर्तव्य बिना किसी बाधा के निभा सकें। इनमें संसद सत्र के शुरू होने या समिति की बैठक के 40 दिन पहले और 40 दिन बाद तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह सिर्फ दीवानी के मामलों में है। आपराधिक मामलों में सांसदों और आम नागरिक में कोई अंतर नहीं है।
आपराधिक मामलों में सत्र के दौरान भी जांच एजेंसियों द्वारा सांसदों को पूछताछ के लिए बुलाया भी जा सकता है और उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। उन्होंने इस संबंध में अपनी पिछली टिप्पणियों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला दिया।
नायडू ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि किसी भी जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए समन किए जाने पर सांसद यह कहकर पेश होने से इन्कार नहीं कर सकते हैं कि उन्हें सत्र की बैठक में शामिल होना है। वह एजेंसी से पेशी के लिए नई तिथि का अनुरोध तो कर सकते हैं, लेकिन पेश होने से मना नहीं कर सकते।