Rajnath Singh, New Defence Minister 2019: राजनाथ सिंह के पास अंदरूनी के बाद अब बाहरी चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी
Rajnath Singh New Defence Minister 2019 राजनाथ सिंह को मोदी सरकार 2.0 में रक्षामंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। पिछली सरकार में वह गृहमंत्री थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। Rajnath Singh, New Defence Minister 2019: राजनाथ सिंह को नई मोदी सरकार में रक्षामंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। Modi Sarkar 2.0 में उन पर बाहरी चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी होगी, जबकि Modi Sarkar-1 में गृहमंत्री के तौर पर उनके पास देश की अंदरूनी समस्याओं से निपटने की जम्मेदारी थी। हालांकि, गुरुवार को पीएम मोदी के बाद जब उन्होंने दूसरे नंबर पर शपथ ली तो हर कोई यही मान रहा था कि इस बार भी गृहमंत्रालय उन्हें ही सौंपा जाएगा। हालिया लोकसभा चुनाव में उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दोबारा चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की है। राजनाथ को अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की विरासत को आगे बढ़ाने वाले उन नेताओं में शुमार किया जाता है, जिनकी पहचान और स्वीकार्यता अपनी पार्टी से इतर अन्य दलों में भी है।
पार्टी अध्यक्ष और यूपी के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं
राजनाथ सिंह भाजपा के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 2014 में जब मोदी की सरकार बनी थी, उस समय राजनाथ ही पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्हीं की अगुवाई में भाजपा को जोरदार बहुमत मिला था। इसी का नतीजा था कि उन्हें मोदी सरकार में दूसरा सबसे बड़ा पद गृह मंत्री बनाया गया था।
छात्र जीवन से जुड़े रहे हैं संघ से
एक किसान परिवार में पैदा हुए सिंह छात्र जीवन से ही आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से जुड़े हुए हैं। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से भी जुड़े रहे और बाद में इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाए गए थे।हालांकि छात्र राजनीति करने के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। फिजिक्स में एमए करने के बाद उन्होंने मिर्जापुर के एक डिग्री कॉलेज में अध्यापन का भी कार्य किया.
जयप्रकाश आंदोलन में जेल गए थे
राजनाथ सिंह को 1974 में शुरू हुए जेपी आंदोलन में जेल भी जाना पड़ा था। जेपी आंदोलन के बाद वे राजनीति की पिच पर लगातार आगे बढ़ते रहे। सबसे पहले उन्होंने एबीवीपी के संगठन सचिव से राजनीतिक करियर की शुरुआत की और संगठन के अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे।
जेपी आंदोलन के बाद पहली बार विधायक बने
जेपी आंदोलन ने राजनाथ सिंह के राजनीतिक करियर को वास्तव में धार दी। 1977 में पहली बार वे विधायक बने। इसी साल उन्हें पार्टी का राज्य सचिव बनाया गया। लगातार आगे बढ़ती उनकी राजनीतिक यात्रा के क्रम में 1986 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। 1988 में वे युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। इसी साल वे विधान परिषद के सदस्य भी चुने गए और कल्याण सिंह सरकार में शिक्षामंत्री बनाए गए।
राज्यसभा में भी खेली पारी
राज्य विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य के बाद वे 1994 में वे राज्यसभा पहुंचे। राज्यसभा में उन्हें भाजपा का मुख्य सचेतक बनाया गया। हालांकि बीच में फिर यूपी की राजनीति में वापस लौटना पड़ा। 1997 में उन्हें राज्य पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद 1999 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी तो भूतल परिवहन मंत्री बनाया गया।
यूपी के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख तक का सफर
वर्ष 2000 में उन्हें अपने राज्य यूपी का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। इस पद पर वे लगभग दो साल तक रहे। लेकिन अगले चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और इस तरह उन्हें इस कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया। हालांकि 2003 में वाजपेयी मंत्रिमंडल में उन्हें कृषि मंत्री बनाया गया। 31 दिसंबर 2005 को वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
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