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Lok Sabha Election 2019: चुनावी हिंसा के लिए सीधे तौर पर ममता बनर्जी जिम्मेदार : राजनाथ

राजनाथ सिंह ने बंगाल में चुनावों के दौरान हो रही हिंसा की वारदातों पर कहा है कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि मुख्यमंत्री हिंसा को रोक पाने में असमर्थ हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 12:57 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 01:27 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: चुनावी हिंसा के लिए सीधे तौर पर ममता बनर्जी जिम्मेदार : राजनाथ
Lok Sabha Election 2019: चुनावी हिंसा के लिए सीधे तौर पर ममता बनर्जी जिम्मेदार : राजनाथ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की चुनावी हिंसा के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने साफ किया कि संविधान के संघीय ढांचे के तहत कानून-व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और वह इससे बच नहीं सकती हैं। उन्होंने चुनाव में नरेंद्र मोदी के पक्ष में लहर चलने का दावा किया।

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उनके अनुसार, 2014 में जनता ने मोदी को आशा और उम्मीद के साथ समर्थन दिया था, जो इस बार भरोसे में बदल गया है। पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा को निंदनीय बताते हुए राजनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में इसके लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने साफ किया कि संघीय ढांचे के तहत कानून-व्यवस्था राज्य सरकार के मातहत आता है, इसीलिए हिंसा के लिए पूरी तरह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार है। बड़ी संख्या में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बारे में उन्होंने कहा कि बल पूरी तरह से चुनाव आयोग के अधीन काम करते हैं और केंद्र सरकार का इसमें कोई दखल नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि देश का प्रधानमंत्री फोन करे और मुख्यमंत्री बात न करे। यह देश के संघीय ढांचे के भविष्य पर सबसे बड़ा सवालिया निशान है। मोदी की नैया डूबने के मायावती के दावे के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ ने कहा कि चुनाव परिणाम आने दीजिए पता चल जाएगा कि किसकी नैया डूबी हुई है। उन्होंने कहा कि जो यह कह रहे हैं खुद उनकी नैया डूबी हुई है। उनके अनुसार, उत्तर प्रदेश में गठबंधन की हवा निकल चुकी है। सपा और बसपा अलग-अलग अपनी साख पहले ही खो चुकी थी, जो गठबंधन के बाद भी वापस नहीं लौटी है। 'टाइम' पत्रिका में मोदी को विभाजन का प्रमुख बताने को खारिज करते हुए राजनाथ ने कहा कि विभाजन के असली सूत्रधार वे लोग थे, जिन्होंने अल्पसंख्यकों के मन डर पैदा कर उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया।

इसके विपरीत मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों में आत्मविश्वास जगाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दौरान सभी योजनाएं 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति को ध्यान रखकर बनाई गई और उन्हें इसी ध्येय के साथ लागू किया गया। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया। गरीबों को न्याय दिलाने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वादे को हवा-हवाई बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि इस अन्याय के लिए कौन जिम्मेदार है।

जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक गरीबी हटाने का नारा देते रहे लेकिन गरीबी नहीं हटी। अब राहुल गांधी यही बात दोहरा रहे हैं। एक अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पिछले साढ़े तीन साल में साढ़े सात करोड़ जनसंख्या को भयंकर गरीबी से बाहर निकालने में सफल रही है। 

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