सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार: राजनाथ
राज्यसभा को तत्काल पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन लोकसभा की कार्यवाही एक घंटे बाद 12 बजे दोबारा शुरू की गई।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारी शोर-शराबे और हंगामे के कारण संसद लगातार 11वें दिन भी नहीं चल सकी। वैसे सरकार ने साफ कर दिया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव सहित विपक्ष की ओर उठाए जा रहे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन चर्चा तभी संभव होगी, जब सदन सुचारू रूप से चले। जाहिर है सरकार ने सदन न चलने की जिम्मेदारी विपक्ष पर डाल दी।
सोमवार को भी राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों की शुरूआत विपक्ष के भारी हंगामे के साथ ही हुई। राज्यसभा को तत्काल पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन लोकसभा की कार्यवाही एक घंटे बाद 12 बजे दोबारा शुरू की गई। लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है लेकिन वह पेश नहीं हो पा रहा है। दरअसल पेश होने और उसे स्वीकार करने के लिए सदन में कार्यवाही नियमित होनी जरूरी है। हंगामे के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ किया कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन इसके लिए सबसे पहले सदन में शांति जरूरी है। तभी चर्चा हो सकती है। सरकार की ओर से पहले भी कहा जा चुका है कि लोकसभा में उसके पास पूर्ण बहुमत है, इसीलिए अविश्वास प्रस्ताव से डरने की कोई जरूरत नहीं है। इसके पहले शुक्रवार को ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करना और उस पर चर्चा शुरू कराना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन सदन के सुचारू हुए बिना यह संभव नहीं हो सकता है।
सुमित्रा महाजन ने सोमवार को भी विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी कर रहे टीआरएस और एआइएडीएमके के सांसदों से अपनी सीटों पर वापस लौट जाने की अपील की। ताकि सदन की कार्यवाही शुरू की जा सके। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार उन्होंने लोकसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
ध्यान देने की बात है कि आंध्रप्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस मुद्दे पर टीडीपी एनडीए से नाता भी तोड़ चुकी है। मोदी सरकार में शामिल उनके दोनों मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया था।